नई दिल्ली। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने तस्करी और कर चोरी की सूचना देने वाले लोगों को इनाम देने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। सीबीईसी के मुताबिक कर चोरी से निपटने और सरकारी खजाने को नुकसान से बचाने के लिए उसे सूचना देने वाले लोगों को इनाम देने के काम में तेजी लाई जाएगी। सिस्टम को फास्ट्रैक पर लाने के लिए संबंधित नियमों को भी दुरूस्त किया गया है।
सरकारी कर्मचारियों और अन्य सूचना देने वालों को मिलने वाली इनाम में देरी की खबरों के बीच सीबीईसी ने शीर्ष अधिकारियों से कहा है कि सूचना देने वाले की पहचान को हर कीमत पर गोपनीय रखा जाए। बोर्ड ने पुरस्कारों के वितरण को लेकर कई शिकायतें आने के बाद इस तरह का निर्णय लिया है। उसने हर क्षेत्र के राजस्व आसूचना एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क आसूचना निदेशालयों तथा फील्ड आयकर उच्चायुक्त कार्यालयों से कहा है कि वे प्राप्त सूचनाओं के संबंध में एक रजिस्टर का बंदोबस्त करें और उसका रिकॉर्ड रखें।
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इस रजिस्टर में एक अप्रैल 2005 के बाद से इनाम के लंबित मामले दर्ज किए जाएंगे। इस काम को पूरा करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है और यह ध्यान रखने को कहा गया है कि कोई मामला छूटे नहीं। सीबीईसी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि इस तरह की सूचना का रजिस्टर तैयार करते समय पूरी गोपनीयता सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी कीमत पर मुखबिर पर कोई आंच न आए।
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