नई दिल्ली। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में लगने वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्स को लेकर शनिवार को केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क (CBEC) की तरफ से सफाई जारी की गई है। इस सेक्टर के कारोबारियों ने सरकार से GST की आशंकाओं को लेकर सवाल पूछे थे जिनके बारे में CBEC ने जवाब दिए हैं। सवाल में पूछा गया था कि अगर आटा, मैदा और बेसन को बल्क में सप्लाई किया जाता है तो क्या उसपर भी टैक्स लगेगा?
CBEC ने इसपर जबाव दिया कि अगर सप्लाई होने वाला आटा, मैदा और बेसन गैर ब्रांडेड है तो उसकी कितनी भी मात्रा में सप्लाई की जाए उसपर टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन अगर ब्रांडेड है तो उसपर 5 फीसदी गुड्स एंड सर्विस टैक्स वसूला जाएगा।
CBEC से एक चावल कारोबारी ने सवाल पूछा था कि उनका सालाना टर्नओवर 5.5 करोड़ रुपए का है और वह ब्रांडेड और गैर ब्रांडेड दोनो तरह के चावल थोक विक्रेता हैं, ऐसे में क्या उनको GST के तहत पंजीकृत होना जरूरी है? दूसरा सवाल था कि उनको चावल की सप्लाई करने वाले कारोबारी 5 फीसदी IGST की मांग कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में वे क्या करें? और तीसरा सवाल था कि उनके कुल कारोबार का 90 फीसदी हिस्सा गैर ब्रांडेड चावल का है और 10 फीसदी ब्रांडेड चावल का, ऐसे में क्या दोनो तरह के चावल की बिक्री एक इनवाइस के जरिए की जा सकती है?
इन सवाल के जबाव में CBEC ने कहा कि टर्नओवर 20 लाख रुपए से अधिक होने पर GST के तहत पंजीकृत होना जरूरी है, दूसरे सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि जो कारोबारी 5 फीसदी IGST वसूल रहे हैं उसका बोझ इनपुट टैक्स क्रेडिट से कम हो जाएगा लेकिन उसके लिए पहले पंजीकृत होना जरूरी है। तीसरे सवाल के जबाव में CBEC ने कहा कि ब्रांडेड और गैर ब्रांडेड चावल की बिक्री एक इनवाइस में दर्शाई जा सकती है।
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