नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नोटबंदी के बाद टैक्सपेयर्स को अपने ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) फॉर्म में संशोधन के प्रावधान के दुरुपयोग की कोशिश को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। सीबीडीटी ने कहा है कि जो लोग अपनी इनकम में संशोधन के लिए यदि फॉर्म में भारी बदलाव करते हैं तो इसकी जांच होगी और उन्हें जुर्माना और अभियोजन जैसी कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
CBDT ने कहा है कि 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद कुछ टैक्सपेयर्स मौजूदा वर्ष की अघोषित आय दिखाने के इरादे से आय में गड़बड़ी के लिए पूर्व आकलन वर्ष के लिए फाइल किए गए ITR फॉर्म में संशोधन के प्रावधान का दुरुपयोग कर सकते हैं। बोर्ड ने एक बयान में कहा कि रिटर्न में संशोधन का प्रावधान मूल रिटर्न में कोई भूल-चूक या गलत जानकारी में सुधार के लिए किया गया है न कि पूर्व की अघोषित आय को दिखाने के लिए शुरू में घोषित आय में व्यापक रूप से बदलाव के लिए।
अगर विभाग के नोटिस में पिछले साल के आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) में आय की मात्रा, नकदी, लाभ आदि तथा खातों में किसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आती है तो उसकी जांच की जाएगी ताकि सही आय का पता लगाया जा सके। ऐसे मामलों में कानून के प्रावधानों के अनुसार जुर्माना तथा अभियोजन चलाया जाएगा। आयकर कानून की धारा 139 (5) के तहत संशोधित आईटीआर तभी भरा जा सकता है जब संबंधित व्यक्ति को कोई भूल-चूक या गलत बात का पता चलता है।
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