अपीलों के निपटान के लिए तैयार जवाब जारी करेगा सीबीडीटी
आयकर आयुक्तों के पास 2.59 लाख अपीलें लंबित हैं और विभाग इन्हें तत्परता के साथ निपटाना चाहता है। योजना को सफल बनाने के लिए सीबीडीटी प्रचार अभियान भी चलाएगा।
नई दिल्ली। कर विभाग विवाद निपटान योजना के संबंध में बार-बार पूछे जाने वाले सवालों पर पहले से तैयार स्पष्टीकरण जल्द (एफएक्यू) जारी करेगा। गौरतलब है कि आयकर आयुक्तों के पास 2.59 लाख अपीलें लंबित हैं और विभाग इन्हें तत्परता के साथ निपटाना चाहता है। इस योजना को सफल बनाने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) प्रचार अभियान भी चलाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीबीडीटी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और उद्योग मंडलों द्वारा पूछे जाने वाले सवालों को लेकर जल्द 30 एफएक्यू का सेट जारी करेगा। अधिकारी ने कहा, विभाग ने एफएक्यू तैयार कर लिया है जिसे वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। एफएक्यू को सीबीडीटी की वेबसाइट पर इसी या अगले सप्ताह डाला जाएगा। प्रत्यक्ष कर विवाद निपटान योजना को एक जून को पेश किया गया था। इसका उद्देश्य आयकर आयुक्त (अपील) के समक्ष लंबित विवादों का निपटान करना है। यह योजना 31 दिसंबर तक खुली रहेगी।
आयकर विभाग के आंकड़ों के अनुसार 29 फरवरी की स्थिति के अनुसार आयुक्तों के समक्ष लंबित 73,402 अपीलें दस-दस लाख रुपए से अधिक के मामलों की और 1,85,858 अपीलें दस दस लाख रुपए से कम के कर के मामलों की थीं। अधिकारी ने बताया कि एफएक्यू में इन सवालों का जवाब होगा कि यदि कोई करदाता सीआईअी (अपील) में एक से अधिक मामलों की लड़ाई लड़ रहा है, तो उसे क्या प्रक्रिया अपनानी चाहिए। अंशधारकों द्वारा जो एक और सवाल निरंतर पूछा जाता है कि वह है कि यदि किसी करदाता को एक कर मांग का नोटिस मिलता है और दूसरा नोटिस जुर्माना अदा करने के बारे में मिलता है, तो क्या उसे विवाद निपटान योजना के तहत जुर्माना चुकाना होगा।
अधिकारी ने बताया कि इस योजना से करदाताओं के विवादों का निपटान समयबद्ध तरीके से हो सकेगा। इसके अलावा विभाग की अपीलों के निपटान तथा बकाया कर की वसूली की प्रशासनिक लागत कम होगी। योजना के तहत कोई करदाता जिसकी अपील सीआईटी (अपील) के पास लंबित है, विवादित कर और आकलन की तारीख तक ब्याज का भुगतान कर अपने मामले का निपटान कर सकता है। 10 लाख रुपए तक के विवादित कर पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। वहीं विवादित कर की राशि 10 लाख रुपए से अधिक होने पर 25 फीसदी का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माना आदेश के खिलाफ किसी लंबित अपील का निपटान भी लगाए जाने वाले जुर्माने के न्यूनतम 25 फीसदी का भुगतान कर किया जा सकेगा।