नई दिल्ली। 18 लाख संदिग्ध जमाकर्ताओं की पहचान करने के बाद 9 नवंबर से 31 दिसंबर के दौरान बैंक खातों में जमा हुई बड़ी धनराशि का पता लगाने के लिए सरकार अब डाटा एनालिटिक्स का उपयोग करेगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बैंकों में जमा राशि का पता लगाने के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसकी मदद से अब गहराई से जांच की जाएगी।
विभाग ने आज ऑपरेशन क्लीन मनी परियोजना शुरू की है, जिसके तहत सीबीडीटी डाटा विश्लेषण और आयकर दाताओं के प्रोफाइल तैयार कर उन लोगों को ई-मेल भेजेगा, जिनकी 8 नवंबर के बाद नकदी जमाएं उनकी आय से मेल नहीं खाती हैं।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा, ऑपरेशन क्लीन मनी एक प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर है, जिसका इस्तेमाल सभी जमाओं पर जवाब प्राप्त करने के लिए किया जाएगा और लोगों से प्रारंभिक जवाबों के बाद ही यदि जरूरत पड़ी तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने मंगलवार को कहा कि,
इनकम टैक्स विभाग ने ऐसे 18 लाख लोगों की पहचान की है, जिनके खातों में नोटबंदी के बाद जमा राशि उनके पहले के टैक्स-भुगतान रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती। इन लोगों से अब विभाग द्वारा पूछताछ की जाएगी।
- टैक्स विभाग उन लोगों को ई-मेल, एसएमएस भेजकर पूछताछ करेगा, जिनके खाते में हुई जमा राशि उनकी पहले के भुगतान प्रोफाइल से मेल नहीं खाती।
- इन लोगों को विभाग से किसी नोटिस या आगे प्रवर्तन कार्रवाई से बचने के लिए 10 दिनों के भीतर जवाब देना होगा।
- अगर ई-मेल, एसएमएस का जवाब नहीं आता है या जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है तो नोटिस भेजे जाएंगे।
- अधिया ने कहा कि पहले चरण में 5 लाख रुपए से अधिक जमा वाले खातों को ऐसे ई-मेल या एसएमएस भेजे जाएंगे।
- जमा राशि के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब टैक्सपेयर्स ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिये दे सकेंगे।
- सीबीडीटी ने पुराने नोटों के जमा और खर्च का विश्लेषण करने के लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है।
- यह सॉफ्टवेयर 9 नवंबर के बाद जमा हुई सभी राशि को सत्यापित करेगा।
- अभी तक एक करोड़ ऐसे बैंक खातों का पता चला है, जिनमें नोटबंदी के दौरान 2 लाख रुपए से अधिक की राशि जमा की गई, इन सभी पर जांच की आंच है।
- सरकार ने बैंकों और पोस्ट ऑफिस से नोटबंदी की घोषणा के बाद बड़ी जमा की विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया है।
- जिन लोगों ने इस साल 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच कुल 2.5 लाख रुपए जमा कराए हैं, उन पर भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर है।
- करेंट एकाउंट में 12.5 लाख रुपए की जमा भी जांच के दायरे में है।
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