नयी दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आडिट रिपोर्ट की आवश्यकता वाले विशेष मामलों के लिये आयकर रिटर्न (आईटीआर) जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्ट्रबर तक बढ़ा दी है। पहले यह समयसीमा 30 सितंबर रखी गई थी।
सीबीडीटी ने देर रात जारी बयान में कहा, 'देशभर से मिली प्रतिक्रिया पर विचार करने के बाद सीबीडीटी ने आईटीआर और कर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2019 करने का फैसला किया है। यह उन लोगों से संबंधित है, जिनके खाते के लिए ऑडिट की जरूरत होती है।'
विभाग ने कहा है कि इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना जल्द जारी कर दी जायेगी। इस श्रेणी के तहत आने वाली ऐसी इकाइयां होती हैं जिनके आयकर रिटर्न का आकलन आयकर कानून की 44एबी धारा के तहत किया जाता है और इनके खातों को रिटर्न दाखिल करने से पहले आडिट करने की आवश्यकता होती है।
सीबीडीटी ने नोटबंदी से जुड़े संदिग्ध मामलों के आकलन की समयसीमा तीन महीने बढ़ाई
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने गुरुवार को कहा कि उसने नोटबंदी के बाद संदिग्ध रूप से धन जमा करने वाली करीब 87,000 इकाइयों का आयकर आकलन पूरा करने के वास्ते आयकर विभाग के लिए समयसीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आकलन पूरा करने की मौजूदा समयसीमा 30 सितंबर है। 'आपरेशन क्लीन मनी' (ओसीएम) मामलों में आकलन को पूरा करने में कर अधिकारियों को विभिन्न प्रकार की कठिनाइयां आ रही हैं, जिसे देखते हुए समय सीमा तीन महीने के लिए बढ़ाई गई है।
अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में सीबीडीटी ने गुरुवार (26 सितंबर 2019) को आदेश जारी करके नई समयसीमा 31 दिसंबर तय की है। उन्होंने कहा कि यह दूसरी बार है जब बोर्ड ने समय सीमा बढ़ाई है। पहले अंतिम तिथि 30 जून थी, जिसे बढ़ाकर सितंबर तक किया गया था। विभाग ने नोटबंदी के बाद कालेधन पर अंकुश लगाने के लिये 'आपरेशन क्लीन मनी' शुरू किया था। आयकर विभाग के आकलन अधिकारियों ने जुलाई महीने में सीबीडीटी से समयसीमा बढ़ाने की अपील की थी। उनका कहना था कि काफी कागजी कार्यवाही और कार्यबल को देखते हुए इस कार्य को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करना मुमकिन नहीं है।
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