नयी दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग को बढ़ती आर्थिक गतिविधियों के मद्देनजर इस साल 1.25 करोड़ नए आयकर दाखिल करने वालों को जोड़ने का निर्देश दिया है। सबसे अधिक रिटर्न दाखिल करने वाले पंजाब , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर से जोड़े जाएंगे। सरकार के कर आधार को व्यापक करने के अभियान के तहत यह निर्देश जारी किया गया है।
विभाग के निर्णय लेने वाले निकाय ने कहा कि पूर्व की पहल की वजह से वित्त वर्ष 2017-18 में 1.06 करोड़ नए करदाताओं को आयकर के दायरे में लाया गया। नए आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्ति से आशय ऐसे व्यक्ति से है जो साल की शुरुआत में कर जमा करने वाले के आधार में नहीं है , लेकिन वह साल के दौरान रिटर्न भरता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नए आयकर रिटर्न भरने वाले को संभवत: नया आयकर दाता नहीं कहा जा सकता। क्योंकि बेशक यह व्यक्ति आयकर रिटर्न दाखिल करे, पर हो सकता है कि उसे कर देने की जरूरत न हो। हालांकि एक बार कोई व्यक्ति आयकर डाटाबेस में आ जाता है तो इस बात की संभावना काफी कम होती है कि उसकी आय पर कर न बनता हो।
नई केंद्रीय कार्रवाई योजना (सीएपी) 2018-19 में कहा गया है, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। संगठित और असंगठित क्षेत्रों में बढ़ती आर्थिक गतिविधियों के मद्देनजर देश में प्रत्यक्ष कर आधार और बढ़ाने की व्यापक गुंजाइश है।’’ सीएपी में कहा गया है कि सीबीडीटी ने चालू वित्त वर्ष में कुल नए 1.25 करोड़ रिटर्न दाखिल करने वालों को जोड़ने का लक्ष्य तय किया है।
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