नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि शैक्षणिक संस्थानों की कैंटीन या भोजनालय में खाने और पीने पर 5 प्रतिशत गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लगेगा। हालांकि, उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूल खाने - पीने का सामान सीधे छात्रों को देते हैं , तब उस पर कोई माल एवं सेवा कर नहीं लगेगा। मंत्रालय ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि शैक्षणिक संस्थानों के कैंटीन या मेस में खान - पीने के सामान की आपूर्ति पर बिना ‘ इनपुट टैक्स क्रेडिट ’ के 5 प्रतिशत GST लगेगा।
इसके अलावा GST के अंतर्गत किसी कंपनी या दूसरी जगहों पर कैंटीन सेवाओं के तहत खाने का खर्च कर्मचारियों से वसूले जाने पर GST देना होगा। आथोरिटी आफ एडवांस रूलिंग (AAR) ने बुधवार को कहा है कि कैंटीन सेवाओं के तहत खाने पर होने वाले खर्च की कर्मचारियों से वसूली के ऊपर माल एवं सेवा कर लगेगा। AAR की केरल पीठ ने अपने आदेश में कहा कि कंपनी द्वारा उपलब्ध कैंटीन सेवा के लिये खाने पर होने वाले खर्च की वसूली कर योग्य है। यह GST के अंतर्गत सेवा की आपूर्ति है।
मल्लपुरम की कालटेक पालीमर्स के आवेदन पर एएआर ने यह व्यवस्था दी है। कंपनी ने आवेदन के जरिये यह स्पष्ट करने का आग्रह किया था कि क्या कैंटीन सेवाओं के तहत खाने पर खर्च की वसूली कर्मचारियों से करना आपूर्ति की श्रेणी में आएगा और क्या उस पर GST लगेगा ?
AAR ने अपने आदेश में कहा कि GST कानून , 2017 के तहत धारा 2 (83) के तहत कैंटीन सेवाओं के लिये खाने पर खर्च की वसूली कर्मचारियों से करना आपूर्ति की श्रेणी में आएगा और इसीलिए GST के तहत सेवा की आपूर्ति कर योग्य है। ’’ फैक्ट्री एक्ट , 1948 के तहत अगर किसी कारखाने में 250 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं , वहां कैंटीन सेवा उपलब्ध कराना जरूरी है।
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