नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि वर्तमान आयात नीति के तहत निजी कारोबारियों को पाकिस्तान से चीनी आयात करने से नहीं रोका जा सकता है। पासवान ने पत्रकारों को बताया कि दरअसल, पाकिस्तान की चीनी कोई मसला नहीं है। जब हम आयात करने का फैसला लेते हैं तो हम किसी देश के बारे में नहीं सोचते हैं। आयात नीति आज नहीं बनी है बल्कि यह काफी पहले बनी थी।
उन्होंने कहा कि इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। सरकार आयात नहीं कर रही है। निजी लोगों को अधिकार है। विश्व व्यापार संगठन के अनुसार, हम आयात-निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आयात होने वाली चीनी की मात्रा बहुत कम है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सोमवार को मुंबई में एक गोदाम की छानबीन की थी, जिसमें पाकिस्तान से मंगाई गई चीनी को भंडार कर रखा गया था। इसपर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी और कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
पासवान ने कहा कि सरकार ने चीनी आयात रोकने और घरेलू चीनी उद्योग को राहत देने के मकसद से चीनी पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत आयात शुल्क होने के बावजूद अगर कोई आयात करता है तो हम क्या कर सकते हैं। क्या हमें पास्कितान से चीनी आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहना चाहिए?
बुधवार को विदेश व्यापार महानिदेशालय ने बताया थ कि वित्त वर्ष 2017-18 में 46.8 लाख डॉलर मूल्य की 13,110 टन चीनी का आयात पाकिस्तान से किया गया था। वहीं चालू वित्त वर्ष में 14 मई तक पाकिस्तान से महज 1908 टन चीनी का आयात हुआ है, जिसका मूल्य 6.57 लाख अमेरिकी डॉलर है।
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