Canara Bank होगा Bad Bank का मुख्य प्रायोजक, NARCL में होगी इसकी 12 प्रतिशत हिस्सेदारी
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने कहा है कि उसने एनएआरसीएल में स्थानांतरण के लिए 8,000 करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित आस्तियों की पहचान की है।
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र का केनरा बैंक राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) या बैड बैंक का मुख्य प्रायोजक होगा। बैड बैंक में केनरा बैंक 12 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगा। बैड बैंक से तात्पर्य ऐसे वित्तीय संस्थान से है, जो बैंकों के डूबे कर्ज को अपने खाते में लेकर उनका समाधान करता है। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने 13 मई, 2021 को पत्र लिखकर केनरा बैंक से एनएआरसीएल में प्रायोजक के रूप में भाग लेने का आग्रह किया था। केनरा बैंक के निदेशक मंडल ने एनएआरसीएल में हिस्सेदारी लेने के लिए सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है। केनरा बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह जानकारी दी है।
केनरा बैंक ने कहा कि बोर्ड की मंजूरी के बाद उसने एनएआरसीएल में प्रायोजक के रूप में भाग लेने के लिए रिजर्व बैंक की अनुमति मांगी है। सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों ने अपने डूबे कर्ज या एनपीए का उल्लेखनीय हिस्सा एनएआरसीएल में स्थानांतरित करने की घोषणा की है। उदाहरण के लिए पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने कहा है कि उसने एनएआरसीएल में स्थानांतरण के लिए 8,000 करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित आस्तियों की पहचान की है। प्रस्तावित एनएआरसीएल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का 51 प्रतिशत और शेष निजी क्षेत्र के बैंकों का हिस्सा होगा।
बैंकों ने शुरुआती चरण में 89,000 करोड़ रुपये के 22 डूबे कर्ज की पहचान की है, जिन्हें एनएआरसीएल में स्थानांतरित किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-22 पेश करते हुए घोषणा की थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अपनी दबाव वाली परिसंपत्तियों के लिए काफी ऊंचे प्रावधान की वजह से बैंकों के बहीखातों को साफ-सुथरा करने की जरूरत है। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा था कि एक असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड और असेट मैनेजमेंट कंपनी मौजूदा तनावग्रस्त ऋणों का प्रबंधन देखेगी।
पिछले साल आईबीए ने एनपीए के आसान व त्वरित समाधान के लिए एक बैड बैंक की स्थापना का प्रस्ताव दिया था। सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और इसके लिए असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और असेट मैनेजमेंट कंपनी मॉडल के गठन का निर्णय लिया। असेट रिकंस्ट्रक्शन और असेट मैनेजमेंट कंपनी की स्थापना के लिए आईबीए को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया था।
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