नई दिल्ली. चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अपने राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान -हमारा अभिमान’ के तहत व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से मांग की है कि भारतीय रेलवे की अर्ध-उच्च गति स्वदेशी ट्रेन-18 परियोजना के लिए वैश्विक निविदा में चीन के स्वामित्व वाली कंपनी सीआरआरसी कॉरपोरेशन को भाग नहीं लेने दिया जाए। कैट ने शनिवार को इस बारे में रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है।
44 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए इस परियोजना का कुल मूल्य 1,500 करोड़ रूपये से अधिक है। गोयल को लिखे पत्र में कैट ने महासचिव प्रवीण खंडलेवाल ने कहा कि चीन की कंपनी सीआरआरसी कॉरपोरेशन गुरुग्राम की एक कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम में इन रेलों की प्रणोदन प्रणाली या इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन की के ठेकेखरीद के लिए निविदा पेश करने वाली छह कंपनियों में एक है।
कैट ने कहा है कि भारतीय रेलवे की यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के आह्वान का एक हिस्सा है, इसलिए इस तथ्य और वर्तमान में चल रही परिस्थितियों को देखते हुए चीनी कंपनी को इस परियोजना में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पत्र में कहा गया है कि रेल मंत्रालय को इस परियोजना के लिए भारतीय कंपनियों पर ही जोर देना चाहिए।
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