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Hindi News पैसा बिज़नेस Amazon पर लगाया जाए 7 दिन का प्रतिबंध, CAIT ने नियमों के उल्‍लंघन पर उठाई यह मांग

Amazon पर लगाया जाए 7 दिन का प्रतिबंध, CAIT ने नियमों के उल्‍लंघन पर उठाई यह मांग

कैट ने कहा है कि अमेजन जैसी बड़ी वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनी के लिए 25 हजार रुपये का जुमार्ना काफी मामूली रकम है। अगर जुमार्ने की राशि या सजा का प्रावधान सख्त होगा तो ये कंपनियां नियमों का उल्लंघन करने से पहले कई बार सोचेंगी।

CAIT demands 7day ban on Amazon for violating rule- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO CAIT demands 7day ban on Amazon for violating rule

नई दिल्ली। कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन पर लगाए गए जुर्माने को नाकाफी बताया है। मंत्रालय ने अमेजन पर अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जा रहे उत्पादों का निर्माण देश यानी कंट्री ऑफ ऑरिजिन का ब्यौरा नहीं देने पर 25 हजार रुपये का जुमार्ना लगाया था। कैट ने कहा है कि जुर्माने को वसूलने का मूल यह है कि अपराधियों को उनकी गलती का अहसास कराया जाए, ताकि वे इस अपराध को और अधिक न कर सकें।

कैट ने कहा कि इन कंपनियों के खिलाफ सरकार द्वारा ऐसी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, जो एक नजीर बने, इसलिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सात दिनों तक प्रतिबंद लगा दिया जाना चाहिए। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने यहां जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि इतना मामूली जुमार्ना लगाया जाना न्यायिक और प्रशासन का मजाक उड़ाना भर है। कैट ने मांग की है कि जुर्माना या सजा का प्रावधान अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान के हिसाब से लगाया जाना चाहिए।

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आह्वान किए गए वोकल फोर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करने के लिए जरूरी है कि उत्पादों का कंट्री ऑफ ऑरिजिन का ब्यौरा दिया जाए, लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियां लगातार नियमों और कानूनों का खुला उल्लंघन करने पर आमदा है।

कैट ने मांग की है कि इन कंपनियों द्वारा पहली गलती किए जाने पर सात दिनों और दूसरी बार गलती किए जाने पर 15 दिनों का प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। कैट ने यह भी कहा कि ऐसे नियमों के उल्लंघन करने पर कंपनियों के खिलाफ केंद्र सरकार तय प्रावधानों के तहत जुर्माना लगाए।

कैट ने कहा है कि अमेजन जैसी बड़ी वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनी के लिए 25 हजार रुपये का जुमार्ना काफी मामूली रकम है। अगर जुमार्ने की राशि या सजा का प्रावधान सख्त होगा तो ये कंपनियां नियमों का उल्लंघन करने से पहले कई बार सोचेंगी। भरतिया और खंडेलवाल ने 25,000 रुपये की राशि का जुर्माना कानून के साथ समझौता करने जैसा करार दिया और कहा कि कानून हर किसी के लिए समान होना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की है कि फ्लिपकार्ट और मिंत्रा जैसे ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भी इस नियम को समान रूप से लागू किया जाना चाहिए।

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