नई दिल्ली। खनन सम्राट अनिल अग्रवाल ने कहा कि उनके समूह की नकदी संपन्न तेल कंपनी केयर्न इंडिया का वेदांता लिमिटेड के साथ विलय इस साल के अंत तक पूरा हो सकता है। इससे भारत की सबसे बड़ी विविधीकृत प्राकृतिक संसाधन कंपनी बनाई जा सके। कर्ज के बोझ से दबी वेदांता लिमिटेड को पहले सेसा स्टरलाइट लिमिटेड के तौर पर जाना जाता था।
कंपनी ने अपनी नकदी संपन्न अनुषंगी, केयर्न इंडिया में अल्पांश हिस्सेदारी खरीदने के लिए अपनी पेशकश बढ़ाई है। जून 2015 में हर केयर्न इंडिया के एक शेयर के बदले वेदांता का एक शेयर और 10 रुपए के मूल्य वाले एक तरजीही शेयर के बजाय अब खनन समूह ने तीन और तरजीही शेयर की पेशकश की है। वेदांता समूह के चेयरमैन अग्रवाल ने कहा, मैं भारत में वास्तविक रूप से प्राकृतिक संसाधन कंपनी बनाना चाहता हूं जो ब्रालिया वेल एसए, अमेरिका की रियो टिंटो या ऑस्ट्रेलिया की बीएचपी बिलिटन से प्रतिस्पर्धा कर सके। उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी निजी तेल उत्पादक का देश की शीर्ष एल्युमीनियम और तांबा उत्पादक के साथ विलय से भारत को अपनी प्राकृतिक संसाधन कंपनी मिलेगी।
वेदांता ने केयर्न के विलय सौदे के लिए पेशकश बढ़ाई
अरबपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता लि. ने नकदी संपन्न केयर्न इंडिया के पूरी तरह विलय के लिए अपनी पेशकश बढ़ा दी है। अब उसने कंपनी के शेयरधारकों को तीन अतिरिक्त तरजीही शेयरों की पेशकश की है। अग्रवाल ने पिछले साल जून में केयर्न इंडिया का अपनी पैतृक कंपनी वेदांता लि.
में 2.3 अरब डालर के पूर्ण शेयर सौदे में विलय की घोषणा की थी।
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