नई दिल्ली। पिछली तारीख से टैक्स कानून से प्रभावित ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी ने लंबित 10,247 करोड़ रुपए के टैक्स मामले में मूल राशि का 15 फीसदी भुगतान करने की पेशकश की है, बशर्ते सरकार उसकी पूर्ववर्ती अनुषंगी केयर्न इंडिया में उसके 9.8 फीसदी शेयरों पर लगाई गई रोक को हटा दे।
मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि केयर्न ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि वह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ताजा पेशकश का लाभ उठाना चाहती है, जिसके तहत मामले का निपटारा होने तक विवादित मांग राशि का 15 फीसदी भुगतान किया जा सकता है। आयकर विभाग ने जनवरी, 2014 में केयर्न द्वारा 2006 में अपने भारतीय कारोबार के पुनर्गठन पर हुए पूंजीगत लाभ के लिए 10,247 करोड़ रुपए का टैक्स नोटिस भेजा था। इसके लंबित रहने तक उसने कंपनी की केयर्न इंडिया के पास बची उसकी 9.8 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर रोक लगा दी थी। केयर्न ने अपनी पूर्ववर्ती अनुषंगी को वेदांता समूह को 2011 में बेचा था।
इस साल फरवरी में आयकर विभाग ने कंपनी को 29,000 करोड़ रुपए का अंतिम टैक्स मांग नोटिस भेजा था। इसमें पिछली तारीख के ब्याज का 18,800 करोड़ रुपए शामिल है। सूत्रों ने कहा कि केयर्न एनर्जी चाहती है कि उसके द्वारा शुरू किए गए मध्यस्थता के मामले के निपटान तक वह मूल राशि 10,247 करोड़ रुपए में 15 फीसदी यानी 1,537 करोड़ रुपए का भुगतान कर दे। इसके बदले में वह चाहती है कि केयर्न इंडिया में उसके बचे शेयरों पर रोक हटा दी जाए। उसके पास केयर्न इंडिया के 18.41 करोड़ शेयर हैं। आज इनका बंद भाव 135.25 रुपए प्रति शेयर रहा। इस हिसाब से कंपनी के शेयरों का मूल्य 2,485.69 करोड़ रुपए बैठता है।
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