नई दिल्ली। इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) ने ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी को 10 साल पहले अर्जित पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) पर 10,247 करोड़ रुपए का टैक्स चुकाने का आदेश दिया है। हालांकि, ट्रिब्यूनल ने पिछली तिथि से टैक्स लगाने के कानून के तहत टैक्स डिमांड पर ब्याज लगाने के मामले को खारिज कर दिया है।
आईटीएटी, 9 मार्च 2017 को दिए गए आदेश में, ने कहा है कि शेयर बाजारों में केयर्न इंडिया को सूचीबद्ध कराने से पूर्व केयर्न एनर्जी शेयर स्थानांतरित करने के लिए टैक्स देने की उत्तरदायी थी, जिसे उसने 2006 में अपने भारतीय कारोबार में आंतरिक पुनर्गठन के जरिये अंजाम दिया था।
- ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा कि केयर्न इंडिया को अपनी मूल कंपनी को हुए पूंजीगत लाभ पर टैक्स भुगतान करना चाहिए था।
- इनकम टैक्स विभाग ने टैक्स भुगतान के लिए दोनों कंपनियों को डिमांड नोटिस भेजा था।
- जनवरी 2014 में 10,247 करोड़ रुपए का नोटिस मिलने के बाद केयर्न एनर्जी ने आईटीएटी में अपील दायर की थी।
- बाद में इसने टैक्स डिमांड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आर्बीट्रेशन में भी याचिका दायर की, जो अभी लंबित है।
- इनकम टैक्स विभाग ने केयर्न एनर्जी से कुल 29,047 करोड़ रुपए टैक्स की मांग की है, जिसमें 18,800 करोड़ रुपए ब्याज है।
- इतने ही टैक्स की मांग केयर्न इंडिया से भी की गई है, जो केयर्न एनर्जी की भारतीय इकाई थी और इसे 2011 में अनिल अग्रवाल के वेदांता समूह को बेच दिया गया।
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