नई दिल्ली। इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) द्वारा पेट्रोलियम खनन कंपनी केयर्न एनर्जी पर पिछली तारीख से लगाए कर को बरकरार रखने के कुछ सप्ताह बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी को 10,247 करोड़ रुपए का टैक्स चुकाने का नया नोटिस भेजा है।
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ट्रिब्यूनल ने अपने 9 मार्च के आदेश में कहा था कि केयर्न एनर्जी पर टैक्स की देनदारी बनती है। यह मामला 2006 में कंपनी द्वारा अपनी भारतीय परिसंपत्तियां नई कंपनी केयर्न इंडिया को हस्तांतरित करने से जुड़ा है। हालांकि ट्रिब्यूनल ने यह स्पष्ट किया है कि इस पर ब्याज नहीं वसूला जा सकता, लेकिन पिछली तारीख से कर लगाने के कानून का इस्तेमाल करके कर की मांग की जा सकती है।
आयकर विभाग ने इस संबंध में 10,247 करोड़ रुपए कर और 18,800 करोड़ रुपए 10 वर्ष के ब्याज की मांग की थी।
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केयर्न ने हितधारकों को दी गई सूचना में बताया है कि,
ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार 31 मार्च, 2017 को एक संशोधित कर मांग की गई है। इसमें अब कर देरी से अदा करने के ब्याज का भुगतान फरवरी, 2016 से जोड़ा जाएगा क्योंकि यह 2016 में किए गए मूल आकलन के बाद की तिथि है।
केयर्न के कहा कि ट्रिब्यूनल के निर्णय पर अपील किए जाने की संभावना है।
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