नई दिल्ली। भारतीय कपास संघ (CAI) ने गुरुवार को कहा कि उसने 2020-21 सत्र के लिए अपने फसल उत्पादन अनुमान को 2.50 लाख गांठ बढ़ाकर 358.50 लाख गांठ कर दिया है। इसकी मुख्य वजह पिछले साल के कपास का अधिक स्टॉक होना है। सीएआई ने एक बयान में कहा कि 2019-20 के कपास सत्र में कुल कपास उत्पादन 360 लाख गांठ रहा था। कपास सत्र, अक्टूबर से लेकर अगले वर्ष सितंबर तक चलता है।
भारतीय कपास संघ ने अक्टूबर से दिसंबर 2020 के दौरान कुल कपास आपूर्ति 327.35 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया था। इसमें 197.85 लाख गांठ की आवक, 4.50 लाख गांठ का आयात अनुमान और एक अक्टूबर, 2020 तक का 125 लाख गांठ का शुरुआती स्टॉक होना शामिल है। सीएआई की फसल समिति ने कपास सत्र 2020-21 के अंत तक कुल 497.50 लाख गांठ कपास आपूर्ति अनुमान लगाया है।
सीएआई के अध्यक्ष अतुल गनात्रा ने कहा कि इसके अलावा, समिति ने त्रुटि होने के कारण कपास के पिछले साल के बचे स्टॉक की मात्रा में 107.50 लाख गांठ से 125 लाख गांठ की एकमुश्त वृद्धि की है। यह त्रुटि, सरकारी एजेंसियों, यानी सीसीआई और महाराष्ट्र फेडरेशन के पिछले कपास वर्ष के स्टॉक को नहीं जोड़ने की वजह से हुआ था, जिस स्टॉक को बेच तो दिया गया था उसकी डिलीवरी नहीं हो पाई थी। इसके अलावा, सीएआई ने अक्टूबर से दिसंबर के दौरान 82.50 लाख गांठों पर कपास खपत का अनुमान लगाया है, जबकि कपास के निर्यात खेप का अनुमान 20 लाख गांठ है। घरेलू खपत अब 330 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया गया है, जैसा कि पहले अनुमान लगाया गया था।
देश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुए व्यवधान और श्रमिकों की कमी के बाद इस साल खपत अपने सामान्य स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। बयान में कहा गया है कि कपास सत्र 2020-21 के अंत में पिछले साल का बचा स्टॉक (कैरी ओवर स्टॉक) 113.50 लाख गांठ होने का अनुमान है।
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