नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने रेलवे के लेखा अधिकारियों की ओर से गंभीर खामियों का उल्लेख किया है। इस वजह से रेलवे के लेखे-जोखे में गलत वर्गीकरण और दूसरी गलतियों के कई मामले सामने आए हैं।
रेलवे द्वारा इन गलतियों को सुधारने के कई आश्वासनों के बाद भी CAG ने 2010-11 से 2014-15 के दौरान उसके खातों में गलत वर्गीकरण के कई मामले पाए हैं।
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- गलत वर्गीकरण से तात्पर्य गलत मद में इनकम या खर्च के वर्गीकरण से है।
- लेखा में गलतियों से लेनदेन का लेखा नहीं करना, खातों में देरी से समायोजना और कुछ गैर-अधिकृत मदों को दर्शाना है।
- अपनी ताजा रिपोर्ट में CAG ने लोक लेखा समिति (PAC) के निष्कर्षों का भी जिक्र किया है।
- इसमें बार-बार इन गलतियों पर आपत्ति जताई गई है। PAC की रिपोर्टों का हवाला देते हुए CAG ने कहा है कि रेलवे को गलत वर्गीकरण के मामलों को कम करने के लिए तंत्र बनाया चाहिए।
- क्योंकि ये न केवल लेखा प्रणाली में खामियों को दर्शाते हैं बल्कि लेखा अधिकारियों की ओर से गंभीर लापरवाही को भी दिखाते हैं।
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- समीक्षा के दौरान CAG ने खर्च की गलत गणना के 64 मामलों का जिक्र किया है।
- इन मामलों में 53.47 करोड़ रुपए की राशि शामिल है।
- इसे रेलवे ने स्वीकार भी किया है।
- इसी तरह 11 जोनल रेलवे द्वारा 66 अनियमित समायोजन के मामले भी सामने आए हैं।
- इनमें 1,431.05 करोड़ रुपएकी राशि शामिल है। रेलवे ने इसे भी माना है।
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