नई दिल्ली। देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कैग ने बैंकों द्वारा 2019 तक बाजार से करीब एक लाख करोड़ रुपये जुटाने की संभावना पर संदेह जताया है। हालांकि वित्त मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि बड़े बैंक कोष जुटाने में सफल होंगे। सरकार की इंद्रधनुष योजना 2015-19 के अनुसार बैंक बाजार से 2015-19 के दौरान 1.1 लाख करोड़ रुपये जुटाएंगे। साथ ही सरकार 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी ताकि वे जोखिम नियम बासेल तीन के तहत 1.8 लाख करोड़ की पूंजी जरूरतों को पूरा कर सके।
कैग ने संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि अबतक जनवरी 2015 में मार्च 2017 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बाजार से केवल 7,726 करोड़ रुपये जुटाये। इससे 2019 तक एक लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाये जाने की संभावना को लेकर संदेह है। रिपोर्ट के मुताबिक वितीय सेवा विभाग ने कैग को जून 2017 में सूचित किया कि बाजार परिदृश्य खासकर बैंक शेयरों को लेकर काफी उत्साहित है। उसने कहा कि मजबूत और बड़े सरकारी बैंक शेयर बाजारों में 52 सप्ताह के उच्च स्तर पर हैं।
बैंक सूचकांक नीचे गया है जबिक कुछ बड़े सरकारी बैंक अच्छा कर रहे हैं और उनके शेयर मूल्य करीब 52 सप्ताह के उच्च स्तर पर है। रिपोर्ट के अनुसार, डीएफएस ने यह भी कहा कि बड़े बैंकों को कुल पूंजी की करीब 60-70 प्रतिशत आवश्यकता है और वे अगले दो साल में बाजार पूंजी जुटाने की स्थिति में हैं।
कैग ने आगे यह भी कहा कि सरकारी बैंकों के शेयरों का बुक वैल्यू और बाजार मूल्य में उल्लेखनीय है अंतर है। अधिकतर बैंकों का बाजार मूल्य कम है। सरकार ने सरकारी बैंकों को पूंजी पर्याप्तता जरूरतों को पूरा करने के लिये 2008-09 से 2016-17 के दौरान उनके प्रदर्शन के आधार पर 1,18,724 करोड़ रुपये की पूंजी डाली है।
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