नई दिल्ली। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) ने अगले सत्र में गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) में 20 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि कर इसकी कीमत को 275 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है। FRP वह न्यूनतम मूल्य है जो चीनी मिलों को किसानों को भुगतान करना होता है। यह FRP चालू माह से शुरू होने वाले वर्ष 2017_18 के सत्र के लिए 255 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
इस अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2018-19 के सत्र के लिए CACP ने उत्पादन, परिवहन तथा फसल बीमा का प्रीमियम की लागत एवं अन्य खर्चो को ध्यान में रखते हुए गन्ने का FRP 275 रुपए प्रति क्विंटल रखने का प्रस्ताव किया है। हाल ही में इस संबंध में एक रिपोर्ट CACP ने खाद्य मंत्रालय को सौंपी। कृषि लागत उवं मूल्य आयोग वह सांविधिक निकाय है जो सरकार को प्रमुख खाद्य उत्पादों के लिए मूल्य नीति के बारे में परामर्श देती है।
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सामान्य तौर पर सरकार CACP की सिफारिशों को स्वीकार कर लेती है। प्रस्तावित वृद्धि का अनुकूल असर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में भी पड़ने की संभावना है जो सामान्य तौर पर केंद्र द्वारा घोषित FRP का अनुपालन नहीं करता और अपने परामर्श मूल्य को बढ़ाता है।
उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य खुद गन्ना कीमत को तय करते हैं जिसे प्रदेश परामर्श (SAP) कहा जाता है जो सामान्य तौर पर केंद्र के FRP से अधिक होता है।
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कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए पहले अनुमान के अनुसार चालू वर्ष में बेहतर बारिश के कारण गन्ना उत्पादन बढ़कर 33 करोड़ 76.8 लाख टन रहने का अनुमान है जो फसल वर्ष 2016-17 में 30 करोड़ 67.3 लाख टन था।
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