नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल रेल बजट को आम बजट में मिलाने तथा संसद के बजट सत्र को एक महीना पहले 24 जनवरी से बुलाने पर अगले सप्ताह विचार कर सकता है। बजट सत्र के समय में उक्त बदलाव आने वाले वर्षों में नियम बन सकता है और सरकार संसद के शीतकालीन सत्र को इस साल 12 नवंबर से बुला सकती है ताकि जीएसटी कार्यान्वयन के लिए समर्थनकारी विधेयकों को जल्द मंजूरी दी जा सके।
सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय बजट निर्माण प्रक्रिया में आमूल चूल बदलाव कर रहा है, जिसके तहत रेलवे के लिए अलग बजट पेश करने की मौजूदा व्यवस्था को समाप्त किया जा सकता है। मौजूदा व्यवस्था के तहत बजट सत्र फरवरी के तीसरे या चौथे सप्ताह में बुलाया जाता है और आम बजट फरवरी महीने की अंतिम तारीख को पेश किया जाता है। इसके बाद विधायी मंजूरियां दो चरणों में फरवरी व मई में पूरी होती हैं।
सूत्रों ने कहा कि सभी कर प्रस्ताव व योजना परिव्यय एक अप्रैल को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से ही लागू हों यह सुनिश्चित करने के लिए संसद का बजट सत्र 24 जनवरी को आहूत किया जा सकता है। इसके तहत आर्थिक समीक्षा 30 जनवरी को, जबकि आम बजट 31 जनवरी को पेश किया जा सकता है। इसी तरह जीएसटी के कार्यान्वयन की तैयारी में लगी सरकार बजट के शीतकालीन सत्र को एक पखवाड़ा पहले यानी 12 नवंबर को आहूत कर सकती है ताकि इससे जुड़े विधेयक पारित करवा सके और नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए उसे पर्याप्त समय मिले पाए।
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