BSNL के 1.88 लाख कर्मचारियों की पेंशन में 9 फीसदी वृद्धि को मंजूरी
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 2007-2013 के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले 1.88 लाख BSNL कर्मचारियों की पेंशन में 9 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने 2007 से 2013 के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले 1.88 लाख BSNL कर्मचारियों की पेंशन में 9 फीसदी बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस संशोधन का पेंशनभोगियों पर आवर्ती सालाना खर्च 129.63 करोड़ और पारिवारिक पेंशनभोगियों पर यह 24.93 करोड़ रुपए बैठेगा। 2013-14 के लिए बकाया पेंशनभोगियों के मामले में 239.92 करोड़ रुपए तथा पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए 44.62 करोड़ रुपए बैठेगा।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, हमने BSNL के पेंशनभोगियों के संदर्भ में एक बड़ा फैसला किया है। जब बीएसएनएल का गठन नई इकाई के रूप में किया गया था उस समय वेतन कंपनी ने दिया था, लेकिन पेंशन का बोझ सरकार को उठाना था। इस फैसले से 2007 से 2013 के दौरान सेवानिवृत्त हुए कंपनी के 1,88,500 कर्मचारियों को लाभ होगा। प्रसाद ने बताया कि लगातार नुकसान में चल रही BSNL को उनके कार्यकाल के पहले साल में 672 करोड़ रुपए का परिचालन लाभ हुआ है। इस साल सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी को 2,000 करोड़ रुपए का परिचालन लाभ होने की उम्मीद है।
जनता से जमा लेने वाली कंपनियों को स्वघोषणा करनी होगी
जनता से जमा लेने वाली कंपनियों को अब अपने विज्ञापन में इस बात की घोषणा करनी होगी कि पेश की गई योजना की वित्तीय मजबूती के बारे में सरकार का कोई दायित्व नहीं है। यह कदम हाल के समय में बड़ी संख्या में धन जुटाने की गैरकानूनी योजनाओं के जरिए लोगों को चूना लगाने के मामले सामने आने के बाद उठाया गया है। सरकार और नियामक निवेशकों को पोंजी योजनाओं से संरक्षण के लिए कदम उठा रहे हैं।
कंपनी कानून की जमा स्वीकार करने के निगरानी के नियमों में संशोधन के जरिए इस घोषणा को अनिवार्य किया गया है। अब कंपनियों को जनता से धन जुटाने के विज्ञापन के सर्कुलर में यह घोषणा करनी होगी। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में कंपनीज (जमा स्वीकार) नियमों में बदलाव किया है। इस घोषणा में कहा जाएगा कि पंजीयक या केंद्र सरकार किसी जमा योजना जिसके लिए जमा स्वीकार की जा रही है, की वित्तीय मजबूती का दायित्व नहीं लेती है। जमाकर्ता को किसी जमा योजना में निवेश से पहले पूरी पड़ताल करनी चाहिए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस घोषणा की अनिवार्यता को नियमों को तर्कसंगत बनाने तथा मजबूत करने के प्रयासों के तहत पेश किया गया है।
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