नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रीमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीसरी सबसे बड़ी तेल मार्केटिंग कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) में सरकार की हिस्सेदारी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) को बेचने वाले प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी है। इस सौदे का मूल्य लगभग 28,000 करोड़ रुपए होगा।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन में सरकार की हिस्सेदारी को ओएनजीसी को बेचने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। ओएनजीसी हिंदुस्तान पेट्रोलियम में सरकार की 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी और इसके बाद अतिरिक्त हिस्सेदारी के लिए उसे कोई खुली पेशकश नहीं करनी होगी। ओएनजीसी के हिंदुस्तान पेट्रोलियम में हिस्सेदारी खरीदने के बाद वह उसकी अनुषंगी कंपनी बन जाएगी। हिंदुस्तान पेट्रोलियम का निदेशक मंडल आगे भी कार्य करता रहेगा। ओएनजीसी इस अधिग्रहण को एक वर्ष के भीतर पूरा करेगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में एकीकृत पेट्रोलियम कंपनी बनाने की घोषणा की थी। हालांकि, HPCL का ONGC में विलय नहीं किया जाएगा। यह ONGC की अनुषंगी के रूप में एक अलग इकाई के तौर पर काम करेगी। सूत्रों का कहना कि कैबिनेट की बैठक में HPCL की 51.11 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी के बाद HPCL का मैनेजमेंट कंट्रोल ONGC को देना संभव हो सकेगा। यह भी पढ़ें : पिछले साल के मुकाबले 10.5% बढ़े हैं घरों के दाम, RBI की तिमाही हाउसिंग प्राइस इंडेक्स रिपोर्ट से हुआ खुलासा
सूत्रों के अनुसार, HPCL का विनिवेश रणनीतिक बिक्री के तहत करने का प्रस्ताव है। हिस्सेदारी बेचने के तौर-तरीके, कीमतें औऱ समय तय करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया जाएगा, जिसमें वित्त, परिवहन, पेट्रोलियम मंत्री शामिल होंगे। विनिवेश पर बने सचिवों की समिति ने 20 जून को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
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