नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल 25 साल पुराने विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) को समाप्त करने के बारे में आज फैसला कर सकता है। एफआईपीबी फिलहाल सरकार की मंजूरी की जरूरत वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्तावों की जांच करता है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की कल होने वाली बैठक में संवेदनशील क्षेत्रों में एफडीआई प्रस्तावों को देखने के लिए एक उचित तंत्र का भी प्रस्ताव किया जा सकता है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह कहा था कि एफआईपीबी को बंद करने के बारे में फैसला हो चुका है।
वित्तीय क्षेत्र में दिवालियापन के समाधान के लिए विधेयक संसद के मानसून सत्र में किया जाएगा पेश
सरकार संसद के मानसून सत्र में वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों में दिवालियापन से निबटने के लिए अलग से दिवालिया कानून ला सकती है। इन कंपनियों में बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां शामिल हैं।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में सभी वित्तीय सेवा प्रदाता शामिल होंगे जिनमें बैंक, गैर बैकिंग वित्तीय कंपनियां, सूक्ष्म वित्तीय संगठन आते हैं, जहां पैसे जमा कराया जाता है। उन्होंने कहा कि इस कानून से जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा होगी।
दिवाला एवं शोधन अक्षमता शोधन संहिता (आईबीसी), 2016 कॉरपोरेट या वित्तीय क्षेत्र से इतर की कंपनियों के मामलों से निबटने के लिए पिछले साल पारित किया गया था। अधिकारी ने कहा, वित्तीय कंपनियों में दिवालियापन से निबटने के लिए इस प्रस्तावित कानून पर काम चल रहा है और हमारा प्रयास संसद के मानसून सत्र में इसे पेश करने का है।
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