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Hindi News पैसा बिज़नेस 83 तेजस की खरीद के लिए डील को कैबिनेट की मंजूरी, जानिए क्यों अहम है ये फैसला

83 तेजस की खरीद के लिए डील को कैबिनेट की मंजूरी, जानिए क्यों अहम है ये फैसला

इस सौदे में भारतीय वायु सेना को 73 एलसीए तेजस मार्क -1ए फाइटर प्लेन मिलेंगे। वहीं 10 एलसीए तेजस मार्क -1 ट्रेनर एयरक्रॉफ्ट मिलेंगे। इन जेट की लागत 45696 करोड़ रुपये होगी। इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 1200 करोड़ रुपये भी सौदे का हिस्सा हैं।

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नई दिल्ली। कैबिनेट ने आज 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस की खरीद को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। इन विमानों का निर्माण एचएएल और प्राइवेट सेक्टर की अन्य कंपनियां मेक इन इंडिया अभियान के तहत करेंगी। ये पूरा सौदा 48 हजार करोड़ रुपये का है।

क्या है फाइटर जेट की डील

इस सौदे में भारतीय वायु सेना को 73 एलसीए तेजस मार्क -1ए फाइटर प्लेन मिलेंगे। वहीं 10 एलसीए तेजस मार्क -1 ट्रेनर एयरक्रॉफ्ट मिलेंगे। इन जेट की लागत 45696 करोड़ रुपये होगी। इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 1200 करोड़ रुपये भी सौदे का हिस्सा हैं। इसमें बेस के साथ ही रिपेयर और सर्विस इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, जिससे भारतीय वायु सेना किसी भी समय ज्यादा से ज्यादा फाइटर प्लेन को एक्शन के लिए तैयार रख सकेगी।

क्या है डील की खासियत

ये स्वदेशी उत्पादों की खरीद योजना में पहली फाइटर एयरक्रॉफ्ट की खरीद है। साथ ही ये स्वदेशी रक्षा उपकरणों की सबसे बड़ी खरीद भी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फैसले के बाद कहा कि 48 हजार करोड़ रुपये का ये सौदा भारतीय रक्षा सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने में एक अहम बदलाव साबित होगा। साथ ही एलसीए तेजस आने वाले समय में भारतीय वायु सेना की फ्लीट का अहम हिस्सा बनेगा।

क्या है तेजस की खासियत

मार्क-1ए 4प्लस पीढ़ी का फाइटर प्लेन है। यानि इसमें चौथी पीढ़ी के फाइटर प्लेन से ज्यादा आधुनिक तकनीक इस्तेमाल की गई हैं। आधुनिक रडार सिस्टम, बीवीआर ( Beyond Visual Range) मिसाइल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर, हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता से लैस, ये फाइटर काफी हल्का है। वजन कम होने की वजह से जेट काफी फुर्तीला माना जाता है। इस डील की मदद से भारतीय वायुसेना फाइटर प्लेन की कमी से भी निपट सकेगी। फिलहाल एलसीए पाकिस्तान की सीमा के करीब तैनात है। 

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