नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को बहुस्तरीय संपर्क प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को मंजूरी प्रदान की है, जिसमें कार्यान्वयन, निगरानी और समर्थन तंत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अक्टूबर को ‘लॉजिस्टिक’ लागत को कम करने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाले बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत लॉजिस्टिक लागत में कटौती, कार्गो प्रबंधन क्षमता में वृद्धि और माल उतारने या लादने में लगने वाले समय को कम करने का लक्ष्य तय किया गया है।
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान योजना के तहत कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में 18 मंत्रालयों के सचिवों को सदस्य के रूप में शामिल करके सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस) का गठन भी किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने फैसले के बारे में मीडिया को बताया विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के नेटवर्क योजना प्रभाग के प्रमुखों को शामिल कर एक बहुस्तरीय नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) का गठन किया जाएगा।
एनपीजी को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के लॉजिस्टिक प्रभाग में स्थित एक तकनीकी सहायता इकाई (टीएसयू) से मदद मिलेगी। टीएसयू में विभिन्न बुनियादी ढांचा क्षेत्रों, जैसे विमानन, सामुद्रिक, सार्वजनिक परिवहन, रेल, सड़क और राजमार्ग, बंदरगाह, बिजली, पाइपलाइन, जीआईएस, आईसीटी, वित्त/बाजार पीपीपी, लॉजिस्टिक, डेटा विश्लेषण जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ होंगे। ईजीओएस पीएम गतिशक्ति एनएमपी के कार्यान्वयन की समीक्षा और निगरानी करेगा।
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