नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने श्रम आधारित कपड़ा क्षेत्र (टेक्सटाइल) में रोजगार सृजन, विनिर्माण और निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए रियायतों को मंजूरी दे दी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टेक्सटाइल सेक्टर में विनिर्माण और निर्यात को प्रोत्साहन के लिए इन रियायतों को मंजूरी दी है। इसके अलावा प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष योजना (टफ्स) के जरिए पूंजीगत सब्सिडी को जोड़ते हुए उत्पादन प्रोत्साहन भी शुरू किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि कपड़ा और परिधान निर्यात को प्रोत्साहन के लिए श्रम कानूनों के सरलीकरण जैसे कई और उपाय किए गए हैं। इसमें निश्चित अवधि का रोजगार और ड्यूटी ड्रॉबैक का विस्तार शामिल है। कपड़ा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इससे पहले कहा था कि वित्त वर्ष 2015-16 में कपड़ा निर्यात 40 अरब डॉलर रहा था, जो 47.5 अरब डॉलर के लक्ष्य से काफी कम है। कृषि के बाद कपड़ा क्षेत्र सबसे बड़ा नियोक्ता है। इस क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन में 14 फीसदी और सकल घरेलू उत्पाद में 4 फीसदी का योगदान है।
कैबिनेट ने राज्यों के लिए उदय योजना से जुड़ने की समय सीमा बढ़ा दी है। यह योजना कर्ज के बोझ से दबी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के पुनरोद्धार से संबंधित है। इसके अलावा राज्यों के लिए मार्च, 2017 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में डिस्कॉम के कर्ज के अधिकांश हिस्से के भुगतान के लिए बांड जारी करने की समय सीमा भी बढ़ाई गई है।
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