राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन को मंजूरी, देश में बढ़ेगा सेना और इंडस्ट्री के लिए खास कपड़ों का उत्पादन
कैबिनेट ने आज राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन को मंजूरी दी है
नई दिल्ली। कैबिनेट ने आज राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन को मंजूरी हरी झंडी दे दी है। इसके लिए 1480 करोड़ रुपये को मंजूरी मिली है। मिशन के तहत भारत को दुनिया भर में दिग्गज तकनीकी कपड़ा निर्माता बनाना लक्ष्य है। ऐसे कपड़े खास उद्देश्य के लिए बनाए जाते हैं। आमतौर पर ये कपड़े औद्योगिक इस्तेमाल के लिए होते हैं, जिसमें सैनिकों के कपड़ों से लेकर हॉस्पिटल में बिमारियों को रोकने वाले कपड़े शामिल हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने अपने बजट भाषण में मिशन की स्थापना का प्रस्ताव रखा। इसके लिए 4 साल का वक्त रखा गया है। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा था कि भारत हर साल 16 अरब डॉलर मूल्य के टेक्निकल फैब्रिक का आयात करता है। कैबिनेट की बैठक में इसी आयात को कम करने के लिए मिशन को मंजूरी दी गई । बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भी थी।
तकनीकी कपड़े या टेक्निकल टेक्सटाइल्स ऐसे उत्पाद होते हैं जो किसी खास टेक्निकल जरूरत के आधार पर डिजाइन किए जाते हैं। इसमें एग्रो टेक्सटाइल्स, मेडिकल टेक्सटाइल, जियो टेक्सटाइल, प्रोटेक्शन टेक्सटाइल, स्पोर्ट्स टेक्सटाइल आते हैं। इन फ्रैबिक से एग्री उत्पादन बढ़ाने से लेकर सुरक्षा बलों को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। इसके साथ ही हॉस्पिटल्स में बीमारियों को फैलाव रोकने में भी मदद मिलती है।
एक अनुमान के मुताबिक फिलहाल भारत में टेक्निकल टेक्सटाइल का बाजार करीब 1.16 लाख करोड़ रुपये का है, जो अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच सकता है।