पांच राज्यों में नेशनल हाईवे का होगा विकास, मंत्रीमंडल ने दी अपनी मंजूरी
सरकार ने पांच राज्यों में 1,120 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे के विकास के लिए 6,461 करोड़ रुपए की परियोजना को आज मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली। सरकार ने पांच राज्यों में 1,120 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे के विकास के लिए 6,461 करोड़ रुपए की परियोजना को आज मंजूरी दे दी। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। इसके अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक हुई, जिसमें इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके तहत कर्नाटक, ओडि़शा, बिहार, राजस्थान व पश्चिम बंगाल राज्य में 1,120 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे का विकास किया जाना है।
राष्ट्रीय राजमार्ग अंतरसंपर्क सुधार परियोजना (एनएचआईआईपी) के तहत इन राजमार्ग का विकास वर्ल्ड बैंक की मदद से किया जाएगा।
बयान के अनुसार 6,461 करोड़ रुपए की संशोधित लागत में जमीन अधिग्रहण की लागत व पुनर्वास से जुड़ी गतिविधियों का खर्च शामिल है। इसके अनुसार इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन का काम पहले ही शुरू कर दिया गया है और 429 किलोमीटर के लिए काम पूरा हो चुका है। सामान्य निर्माण कार्य जुलाई 2019 तक पूरा होने की संभावना है।
कोचीन बंदरगाह पर 897 करोड़ रुपए का दंड-ब्याज माफ
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के कोचीन बंदरगाह पर 897 करोड़ रुपए का दंड ब्याज माफ करने का निर्णय लिया है। जहाजरानी मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में कोचीन पोर्ट ट्रस्ट (कोचीन बंदरगाह) पर पुराने सरकारी ऋणों की अदायगी न करने के विरुद्ध लगाए गए 897.23 करोड़ रुपए के दंड ब्याज को माफ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडलीय समिति ने भारत सरकार के ऋणों पर ऋण की राशि, उस पर ब्याज और 0.25 फीसदी की दर से दंड ब्याज सहित इस बंदरगाह न्याय की कुल देनदारी 31 मार्च 2016 की तिथि के अनुसार 557.16 करोड़ पर रोक दी है। इसमें 258.14 करोड़ रुपए का ऋण, 281.45 करोड़ रुपए का ब्याज और 17.57 करोड़ रुपए का दंड ब्याज शामिल है। कोच्ची बंदरगाह न्यास ने 1936-37 से 1994-95 के बीच सरकार से विकास कार्यों के लिए कुल 168.15 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इसकी अदायगी नहीं करने से उस पर दंड ब्याज बढ़ कर 914.80 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। सरकार ने बकाया राशि के भुगतान के लिए दस साल का समय दिया है, जो 2018-19 से शुरू होगा।