नई दिल्ली। देश में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में खर्च बढ़ाने और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के अपने प्रयासों के तहत मोदी कैबिनेट ने आज मेगा हाईवे प्लान को अपनी मंजूरी दे दी है। इस प्लान के तहत अगले पांच सालों में सरकार 6.9 लाख करोड़ रुपए के निवेश के साथ देशभर में 83,000 किलोमीटर हाईवे रोड का निर्माण करेगी। इसमें प्रधानमंत्री मोदी की महत्वकांक्षी भारतमाला योजना भी शामिल है।
एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले पांच साल में भारतमाला परियोजना समेत 80,000 किलोमीटर से अधिक हाईवे के विकास के लिए लगभग सात लाख करोड़ रुपए मूल्य की राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। भारतमाला सरकार की वृहद योजना है और एनएचडीपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है। इसका मकसद सीमावर्ती और अन्य क्षेत्रों में संपर्क व्यवस्था में सुधार लाना है। अधिकारी ने कहा कि जिन राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, उसमें आर्थिक गलियारा विकास शामिल है। इसका मकसद माल ढुलाई में तेजी लाना है।
देश की सबसे बड़ी राजमार्ग विकास योजना के हिस्से के रूप में सरकार ने 2022 तक 3.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश से भारतमाला प्रोजेक्ट के पहले चरण के विकास और लगभग 40,000 किलोमीटर सड़कों के विकास का लक्ष्य तय किया है। राजमार्ग और सड़कों के विकास के जरिये सरकार की योजना आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाना और 2022 तक देशभर में 32 करोड़ मानव-घंटों के रोजगार पैदान करना है।
सरकार के खुद के अनुमान के मुताबिक 10,000 किलोमीटर के राजगार्ग के विकास से हर साल चार करोड़ मानव दिवस का रोजगार पैदा हो सकता है। सरकार की योजना चार लेन की सड़कें उपलब्ध करवाकर प्रमुख मार्गों पर यातायात परिचालन को तेज करने की भी है।
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