Union Cabinet: संकटग्रस्त बिजली कंपनियों को मिली राहत, चीनी मिलों को मिलेगी 2790 करोड़ रुपए की ब्याज सहायता
सरकार ने चीनी मिलों को बैंक कर्ज पर 2,790 करोड़ रुपए की ब्याज सहायता देने को भी मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संकट में फंसी बिजली परियोजनाओं को लेकर मंत्री समूह की सिफारिशों को अपनी मंजूरी दे दी है। इनमें अल्पावधि के विद्युत खरीद अनुबंधों (पीपीए) के लिए कोयला आपूर्ति सुविधा की मंजूरी भी शामिल है। यह निर्णय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में लिया गया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि मंजूर की गई सिफारिशों में कम समय के लिए हुए पीपीए के लिए भी कोयला आपूर्ति सुविधा, वितरण कंपनियों द्वारा भुगतान नहीं करने की स्थिति में पीपीए रद्द होने के बाद भी मौजूदा कोयला लिंकेज मंजूरी जारी रखना और पूर्व-घोषित लिंकेज के एवज में मॉडल एजेंसी द्वारा थोक में बिजली की खरीद शामिल हैं। केंद्र अथवा राज्य की बिजली उत्पादन कंपनियां बिजली संग्राहक के तौर पर काम कर सकती हैं।
चीनी मिलों को कर्ज पर 2,790 करोड़ रुपए की ब्याज सहायता
सरकार ने चीनी मिलों को बैंक कर्ज पर 2,790 करोड़ रुपए की ब्याज सहायता देने को भी मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। समिति इससे पहले जून 2018 में भी 1,332 करोड़ रुपए की ब्याज सहायता को मंजूरी दे चुकी है।
उन्होंने कहा कि इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने में चीनी मिलों की वित्तीय मदद करने की योजना के तहत बैंकों द्वारा मिलों को 12,900 करोड़ रुपए का कर्ज दिए जाने पर यह ब्याज सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
एनएचपीसी को लैंको की तीस्ता पनबिजली परियोजना के अधिग्रहण की मंजूरी
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएचपीसी को कर्ज में फंसी कंपनी लैंको की सिक्किम स्थित 500 मेगावाट की तीस्ता जल विद्युत परियोजना का अधिग्रहण करने की मंजूरी मिल गई। बिजली परियोजना के बचे कार्यों को पूरा करने के लिए एनएचपीसी को 574.04 करोड़ रुपए खर्च करने की भी मंजूरी दी गई है। इस परियोजना से 240 करोड़ यूनिट बिजली तैयार होगी।