नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोयला खानों से निकलने वाली मिथेन गैस के उत्पादकों के लिए कीमत तय करने और मार्केटिंग के मामले में आजादी देने का फैसला किया। साथ ही उन्हें अपनी संबद्ध इकाइयों को ईंधन बेचने की अनुमति भी दे दी।
इस कदम से रिलायंस इंडस्ट्रीज और तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों को कोयला खानों से मिथेन (सीबीएम) गैस का उत्पादन तेजी से करने में मदद मिलेगी। साथ ही मौजूदा दाम पर व्यवहार्यता मुद्दे की वजह से जो निवेशक इस क्षेत्र में आने के इच्छुक नहीं थे, वे अब इसमें आना चाहेंगे।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल की समिति ने सीबीएम अनुबंधकर्ताओं को सीबीएम गैस को घरेलू बाजार में बाजार मूल्य पर बेचने की अनुमति देने का निर्णय किया।
बयान में कहा गया है कि बाजार मूल्य के निर्धारण के लिए आरआईएल या ओएनजीसी जैसी अनुबंधकर्ता को सीबीएम गैस के उपयोगकर्ताओं के बीच पूर्ण रूप से पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया सुनिश्चित करनी होगी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि गैस के लिए बिना प्रतिबंधित वाणिज्यिक गतिविधियों के बेहतर संभावित कीमत सामने आ सके। साथ ही कंपनियां अगर कोई खरीदार नहीं तलाश पाती हैं तो वे सीबीएम गैस अपनी संबद्ध इकाइयों को बेच सकती हैं।
बयान के अनुसार, सरकार को रायल्टी और अन्य बकाये का भुगतान पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) अधिसूचित कीमत या बिक्री मूल्य जो भी अधिक हो, के आधार पर किया जाएगा। इस नीति से देश में सीबीएम ब्लॉक के जरिये गैस उत्पादन में तेजी आएगी।
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