नई दिल्ली। शिक्षा क्षेत्र के स्टार्टअप बायजू (Byju's) ने सोमवार को कहा कि उसने आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (Aakash Educational Services Ltd) का अधिग्रहण किया है, ताकि वह देश में परीक्षा तैयारी खंड में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर सके। सूत्रों के अनुसार यह सौदा लगभग 7300 करोड़ रुपये (एक अरब अमेरिकी डॉलर) में हुआ है, जो बायजू द्वारा अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है। हालांकि, कंपनियों ने सौदे के वित्तीय विवरण पर कोई टिप्पणी नहीं की।
इस सौदे के तहत आकाश के संस्थापक और ब्लैकस्टोन बायजू में शेयरधारक बन जाएंगे। बायजू देश का सबसे मूल्यवान शिक्षा-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप है। एईएसएल के प्रबंध निदेशक आकाश चौधरी ने कहा कि यह भारत में शिक्षा के क्षेत्र में और विशेष रूप से स्टार्टअप क्षेत्र में सबसे बड़ा एकीकरण है। कोविड-19 ने ऑनलाइन शिक्षा के लिए रास्ते तैयार कर दिए हैं और हमारा मानना है कि इसमें परीक्षा की तैयारी के साथ ही उच्च शिक्षा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि एकीकरण के बाद आकाश की वृद्धि को तेज करने के लिए बायजू आगे और निवेश करेगा। बायजू ने अबतक 2 अरब डॉलर की राशि जुटाई है।
सूत्रों के मुताबिक बायजू अतिरिक्त 60 से 70 करोड़ डॉलर और जुटाने के लिए बातचीत कर रहा है, ताकि वृद्धि को और तेज किया जा सके। इससे पहले बायजू ट्यूटरविस्ट और एजुराइट का 2017 में एवं ओस्मो का 2019 में अधिग्रहण कर चुका है। पिछले साल इसने कोडिंग ट्रेनिंग कंपनी व्हाइहैट जूनियर का अधिग्रहण 30 करोड़ डॉलर में किया था।
चौधरी ने कहा कि आकाश आगे भी एक अलग इकाई के रूप में अपना परिचालन करती रहेगी और देश में अपनी उपस्थिति का विस्तार भी करेगी। 33 साल के अपने परिचालन में आकाश ने लाखों छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी में मदद की है। इसके पूरे भारत में 215 सेंटर हैं, जहां हर साल 2.5 लाख छात्र कोचिंग लेते हैं।
बायजू के संस्थापक और सीईओ बायजू रविंद्रन ने एक बयान में कहा कि हमारी पूरक ताकत हमें क्षमताओं का निर्माण करने, आकर्षक और व्यक्तिगत सीखने के तरीके के साथ सक्षम करेगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भविष्य में लर्निग हाइब्रिड तरीके से होगी और यह साझेदारी ऑफलाइन और ऑनलाइन सीखने का सबसे अच्छा तरीका पेश करेगी।
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