नई दिल्ली। नोटबंदी और कैशलेस मुहिम ने देश में डिजिटल भुगतान की वृद्धि को काफी तेज कर दिया है। वर्ष 2025 तक देश में सालाना डिजिटल भुगतान के एक हजार अरब डॉलर पर पहुंच जाने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
एसीआई वर्ल्डवाइड द्वारा एजीएस ट्रांजेक्ट टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर तैयार की गई ट्रांजैक्शंस 2025 रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 तक देश में सालाना डिजिटल भुगतान 1000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा तथा हर पांच में से एक लेन-देन डिजिटल तरीके से होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में अभी डिजिटल भुगतान के यूजर्स की संख्या नौ करोड़ है, जिसके वर्ष 2020 तक30 करोड़ हो जाने का अनुमान है। यूजर्स की संख्या में यह वृद्धि ग्रामीण क्षेत्रों एवं छोटे शहरों से लोगों के जुड़ने से होगी।
एसीआई वर्ल्डवाइड के उपाध्यक्ष मनीष पटेल ने कहा कि लचीली एवं विश्वसनीय प्रौद्योगिकी देश में भुगतान के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि बाजार में शानदार वृद्धि जारी रहेगी। इस बीच डिजिटल भुगतान में तेजी आने से देश में कंपनियों का साइबर सुरक्षा खर्च भी बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में साइबर हमलों के कारण सालाना करीब चार अरब डॉलर का नुकसान होता है। यह वर्ष 2025 तक बढ़कर 20 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है।
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