Big Relief: अगले पांच साल में कोयले से सस्ती होगी सोलर पावर, बिजली बिल के बढ़ते बोझ से मिलेगी राहत
केपीएमजी ने अपनी ‘दि राइजिंग सन’ नामक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि 2020 तक भारत में सोलर पावर के दाम कोल पावर की तुलना में 10 फीसदी तक कम हो सकते हैं।
नई दिल्ली। भारत में सूरज की रोशनी से पैदा होने वाली बिजली के रेट इस साल अनुमान से कहीं ज्यादा तेजी से कम हुए हैं। रिसर्च फर्म केपीएमजी ने अपनी ‘दि राइजिंग सन’ नामक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि 2020 तक एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में सोलर पावर के दाम कोल पावर की तुलना में 10 फीसदी तक कम हो सकते हैं। ऐसे में आम जनता को लगातार बढ़ते बिजली के बिल से राहत मिल सकती है। इस महीने के शुरुआत में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश में 500 मेगावाट क्षमता वाले सोलर पार्क का टेंडर यूएस की कंपनी सनएडिशन को 4.63 रुपए प्रति यूनिट पर आवंटित किया है। यह देश में सोलर पावर की अब तक की सबसे कम कीमत है। जिस प्रकार से एनडीए सरकार सोलर पावर पर अपना फोकस कर ही है, उससे लगता है कि आगे आने वाले समय में इस क्षेत्र में और नई कंपनियां और नया निवेश आएगा, जिससे इसकी लागत और कम होगी।
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केपीएमजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्तमान में भारत में एक समान स्तर पर सोलर पावर और कोल पावर की कीमतों में केवल 15 फीसदी का ही अंतर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें अभी सोलर पावर की ग्रिड इंटीग्रेशन कॉस्ट नहीं जोड़ी गई है। यदि इसकी गणना भी की जाए तो सोलर पावर की कीमतें कोयला से बनने वाली बिजली से कम ही होंगी।
कोयले की कीमतों पर पड़ेगा असर
केपीएमजी के मुताबिक, सोलर पावर की बढ़ती क्षमता और प्रतिस्पर्धा से स्थानीय कोयले की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है। इस रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि यह बदलाव 2017 से दिखाई देने लगेगा और 2020 तक इसमें और तेजी आएगी। 2022 के बाद कोयले की कीमत सोलर पावर के रेट से पीछे छूट जाएंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोल सेक्टर नए डेवलपमेंट के जरिये अपनी कॉस्ट घटाने की कोशिश कर सकता है, लेकिन यह काफी चुनौतीपूर्ण होगा यदि इसके लिए तैयारियों अभी से शुरू नहीं की गईं।
5 रुपए/किलोवाट से कम होगी कीमत
केपीएमजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2020 तक भारत में सोलर पावर जनरेशन की कीमत 4.20 रुपए प्रति किलोवाट होने का अनुमान है और 2025 तक यह लागत घटकर 3.59 रुपए प्रति किलोवाट तक आ सकती है। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी अनुमान जताया गया है कि 2020 तक देश में सोलर पावर की क्षमता 54 गीगावाट (5.7 फीसदी) और 2025 तक 166 गीगावाट (12.5 फीसदी) हो जाएगी।
अन्य देशों में भी घट रही है सोलर पावर की कीमत
सोलर पावर की कीमत केवल भारत में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कम हो रही है। रिपोर्ट में यह अनुमान जमाया गया है कि सोलर पावर की कीमतों में आने वाली यह कमी भविष्य में भी जारी रह सकती है।