नई दिल्ली। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक बुलट ट्रेन को लेकर भारतीय रेलवे की बड़ी बाधा खत्म हो गई है। इस परियोजना के लिए महत्वपूर्ण बांद्रा-कुर्ला परिसर (बीकेसी) में जमीन देने के लिए महाराष्ट्र सरकार सहमत हो गयी है। बीकेसी में मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड कॉरिडोर का शुरुआती केंद्र बनाया जाना है। यहां पर अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन का निर्माण किया जाना है।
लेकिन यहां पर जमीन को लेकर भारतीय रेलवे और मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के बीच विवाद चल रहा था। एमएमआरडीए की योजना बीकेसी की इस जमीन पर इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (आईएफएससी) बनाने की थी।
अब जमीन के नीच स्टेशन बनेगा और बीकेसी की जमीन पर आईएफएससी तैयार होगा। बीकेसी में कुल करीब 67 एकड़ जमीन उपलब्ध है और परियोजना के लिये 10 एकड़ जमीन चाहिए।
जमीन और समुद्र के नीचे चलेगी बुलट ट्रेन
प्रस्तावित योजना के अनुसार बुलेट ट्रेन कर की शुरुआत बीकेसी में अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन से होगा। यहां से चलकर ट्रेन 21 किमी समुद्र के भीतर सुरंग में चलेगी। जिसके बाद यह मुंबई के नजदीक ठाणे में यह जमीन के ऊपर आएगी। 508 किलोमीटर लंबे मार्ग पर कुल 12 स्टेशन होंगे जिनमें चार महाराष्ट्र में और आठ गुजरात में होंगे।
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