नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होकर तीन अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने के लिए इस बार सरकार की बिग और बोल्ड बजट पेश करने की तैयारी है। परंपरा से हटकर इस बार खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बजट का मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से तीन अप्रैल तक दो चरणों में रखने का सुझाव दिया है। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र के बीच में करीब एक महीने का अवकाश रखा जाता है।
इस दौरान विभिन्न मंत्रालयों, विभागों से जुड़ी संसदीय समितियां बजट आवंटन प्रस्तावों का परीक्षण करती हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों की बैठक बुलाते हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगी। विश्लेषकों को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था में जारी नरमी को देखते हुए सरकार इस बजट में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ बड़े उपायों की घोषणा कर सकती है।
सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस बार बजट पर पीएम मोदी लगातार बैठकें कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में पीएम मोदी ने 12 बड़ी बैठकें की हैं। इसमें उद्योगपतियों, विशेषज्ञाों के साथ बैठक अहम मानी जा रही है। बजट की तैयारी के लिए पीएम मोदी अबतक 120 से अधिक लोगों से मिल चुके हैं।
प्रत्येक मंत्रालय को 5 साल का विजन पेपर तैयार करने को कहा गया है। पीएम हर मंत्रालय के प्लान की समीक्षा खुद कर रहे हैं। सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक बैठकों का दौर चल रहा है। गुरुवार को भी पीएम मोदी नीति आयोग के साथ बजट पर परिचर्चा के लिए बैठक कर रहे हैं।
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