Budget 2020: हलवा सेरेमनी के साथ कल से शुरू होगी बजट की छपाई, जानिए बजट से जुड़ी खास बातें
इस बार आम बजट 1 फरवरी 2020 (शनिवार) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ये उनका दूसरा बजट होगा। आप भी जानिए आखिर कैसे बनता है देश का बजट और बजट से जुड़ी कुछ खास बातें।
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, 20 जनवरी को हलवा सेरेमनी (Halwa Ceremony) की रस्म निभाई जाएगी। इस रस्म के बाद बजट की छपाई का कार्य औपचारिक रूप से शुरू हो जाता है। इस बार आम बजट 1 फरवरी 2020 (शनिवार) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ये उनका दूसरा बजट होगा। इस बार के बजट में निर्मला सीतारमण के सामने ढेर सारी चुनौतियां हैं क्योंकि अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है। सरकार के सामने घटती विकास दर को रोकना और बेरोजगारी जैसी प्रमुख समस्या है। आप भी जानिए आखिर कैसे बनता है देश का बजट और बजट से जुड़ी कुछ खास बातें।
बता दें कि इस बार बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी 2020 तक होगा और दूसरा चरण 2 मार्च से 3 अप्रैल 2020 तक चलेगा। बजट बनाने की प्रक्रिया में वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और सरकार के अन्य मंत्रालय शामिल होते हैं। वित्त मंत्रालय हर साल खर्च के आधार पर गाइडलाइन जारी करता है। इसके बाद मंत्रालयों को अपनी-अपनी मांग को बताना होता है।
जानिए बजट से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
- सबसे पहले कानूनी भाषा में जानिए बजट क्या होता है? दरअसल, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, केंद्रीय बजट किसी वर्ष सरकार की अनुमानित आमदनी और खर्च का लेखा-जोखा होता है।
- बजट से जुड़े सभी डॉक्युमेंट की छपाई शुरू करने से पहले हलवा सेरेमनी मनाई जाती है। वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में बजट के डॉक्यूमेंट्स की आधिकारिक छपाई हलवा सेरेमनी के साथ ही शुरू हो जाती है। इस बार हलवा सेरेमनी बजट से 10 दिन पहले हो रही है।
- हलवा सेरेमनी के पीछे मान्यता रही है कि हर शुभ काम को करने से पहले कुछ मीठा खाना चाहिए, साथ ही भारतीय परंपरा में हलवे को काफी शुभ भी माना जाता है। इसीलिए बजट जैसे बड़े इवेंट के लिए दस्तावेजों की छपाई से पहले इस सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। इस परंपरा के तहत वर्तमान वित्त मंत्री खुद बजट से जुड़े कर्मचारियों, बजट की छपाई से जुड़े कर्मचारियों और वित्त अधिकारियों को हलवा बांटते हैं। इस हलवे के बनने और बंटने के बाद ही बजट के दस्तावेजों के छापने की प्रक्रिया शुरू होती है।
- हलवा सेरेमनी के बाद बजट पर काम कर रहा लगभग 100 लोगों का स्टाफ बजट के सदन में पेश होने तक नॉर्थ ब्लॉक ऑफिस में ही रहता है। नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बने प्रिंटिंग प्रेस में इन अधिकारी-कर्मचारियों को लगभग लॉक कर दिया जाता है।
- देश के बजट की प्रिंटिंग सबसे गुप्त ऑपरेशंस में से एक है। बजट से जुड़ी जानकारियां काफी महत्वपूर्ण होती हैं और इनके लीक होने से सरकार पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं। गौरतलब है कि वर्ष 1980 से नार्थ ब्लाक के बेसमेंट में बजट छापने का काम किया जा रहा है। बजट के सभी डॉक्युमेंट्स चुनिंदा अधिकारी ही तैयार करते हैं। इस प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले सभी कंप्यूटर्स को दूसरे नेटवर्क से डीलिंक कर दिया जाता है।
- बजट छपने की प्रक्रिया के शुरू होने से लेकर बजट के संसद के पटल में रखे जाने तक इन अधिकारियों को किसी से भी संपर्क करने की इजाजत नहीं होती है। उन्हें फोन करने की भी इजाजत नहीं होती और किसी को उनसे मिलने की मंजूरी नहीं होती है। हालांकि, नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बने प्रिटिंग प्रेस में एक लैंडलाइन फोन होता है जिसमें सिर्फ इनकमिंग की सुविधा होती है। इसके अलावा उनसे संपर्क करने का कोई तरीका नहीं होता है, संपर्क भी केवल आधिकारिक कार्य तक के लिए ही संभव होता है।
- बजट पेश करने की तारीख पर सरकार लोकसभा स्पीकर की सहमति लेती है। इसके बाद लोकसभा सचिवालय के महासचिव राष्ट्रपति से मंजूरी लेते हैं। वित्त मंत्री लोकसभा में बजट पेश करते हैं। बजट पेश करने से ठीक पहले 'समरी फॉर द कैबिनेट' के जरिए बजट के प्रस्तावों पर कैबिनेट को संक्षेप में बताया जाता है। वित्त मंत्री के भाषण के बाद सदन के पटल पर बजट रखा जाता है।