कोलकाता। बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स (BSF) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के साथ असली और नकली नोटों में फर्क जानने के लिए अपने जवानों की ट्रेनिंग की बातचीत कर रही है। इस ट्रेनिंग का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर होने वाली नकली नोटों की स्मगलिंग पर लगाम लगाना है। पिछले एक महीने से बॉर्डर पर 2,000 रुपए के नकली नोटों की लगातार पकड़ी जा रही खेपों ने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को परेशान किया हुआ है।
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एक वरिष्ठ BSF अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पकड़े जाने वाले नकली नोटों की संख्या चिंता का विषय है। इन नकली नोटों में नए 2,000 रुपए के नोटों में दिए गए आधे से ज्यादा सिक्यॉरिटी फीचर्स को कॉपी कर लिया गया है। इसलिए हम RBI से जवानों और अधिकारियों को 2,000 रुपए के नोटों की पहचान के लिए ट्रेनिंग की बात कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द ही हम असली और नकली नोटों की पहचान करने में सक्षम होंगे।
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2000 रुपए के नए नोट में हैं 17 सिक्योरिटी फीचर्स
- BSF के एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि जवान और अधिकारी किसी तकनीक या फिजिकल तरीके से असली और नकली नोटों की स्पष्ट पहचान कर सकें।
- नए 2,000 रुपए के नोट में 17 सिक्यॉरिटी फीचर्स हैं, हम चाहते हैं कि इन नकल की भी स्पष्ट पहचान कर सकें।
- उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद भारत-बांग्लादेश बॉर्डर खासतौर पर माल्दा-मुर्शिदाबाद जिले में नकली नोटों की स्मगलिंग पर काफी हद तक रुक गई थी।
- लेकिन 2,000 रुपए के नकली नोटों के आने बाद फिर से चिंता जताई जा रही है।
- माल्दा जिले के पास केंद्रीय और राज्य पुलिस एजेंसियों ने दिसंबर 2016 और जनवरी के बीच कई बार नकली 2,000 रुपए के नोट जब्त किए हैं।
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