नई दिल्ली। देश का प्रमुख शेयर बाजार बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) 23 अगस्त को 200 कंपनियों की सूचीबद्धता अनिवार्य रूप से समाप्त कर देगा और इनके प्रवर्तकों को 10 साल के लिए बाजार में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर देगा। इन कंपनियों के शेयरों में लेनदेन पिछले 10 सालों से निलंबित है। इन सभी कंपनियों की सूचीबद्धता 23 अगस्त को समाप्त हो जाएगी।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब नियामकीय प्राधिकरण मुखौटा कंपनियों और सूचीबद्ध कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं, क्योंकि इनका उपयोग कथित तौर पर अवैध धन के हेर-फेर के लिए होता है। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजारों को 331 संदेह के घेरे वाली मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
सूचीबद्धता समाप्ता होने के बाद इन कंपनियों के प्रमोटर्स को शेयरधारकों के शेयर वापस खरीदने होंगे, इसके लिए एक्सचेंज के एक्सपर्ट शेयर की फेयर वैल्यू तय करेंगे। डीलिस्ट होने वाली इन कंपनियों में एथिना फाइनेंशियल सर्विस, अंकुर ड्रग्स, ब्लू बर्ड, क्रू बॉस, कुटोन्स रिटेल, पर्ल इंजीनियरिंग पॉलिमर्स, नागार्जुन फाइनेंस, अरिहंत इंडस्ट्रीज, डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग, धनुष टेक्नोलॉजीज, आईओएल नेटकॉम, पारेख प्लेटिनम और स्टील ट्यूब्स ऑफ इंडिया के नाम शामिल हैं।
सेबी और आयकर विभाग ने भी 100 ब्रोकिंग फर्म पर शैल कंपनियों को मदद का आरोप लगाया है। इन पर 16,000 करोड़ की मनी लॉन्डरिंग का आरोप है। सेबी, आयकर विभाग ने इन पर केवाईसी नियमों में छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया है।
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