नई दिल्ली। देश के प्रमुख शेयर बाजार बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की जिंस वायदा बाजार में उतरने की योजना है और उसने धातुओं के वायदा कारोबार में उतरने की अनुमति मांगी है। इसके लिए उसने बाजार नियामक सेबी के पास आवेदन किया है। बीएसई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष कुमार चौहान ने कहा, बीएसई की उपभोक्ता जिंस वायदा बाजार में उतरने की योजना है और जितनी जल्दी अनुमति मिल जाएगी वह गैर-कृषि जिंसों जैसे कि धातु, तेल और गैस में कारोबार शुरू करेगा।
उन्होंने कहा कि बाजार नियामक सेबी में वायदा बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग के विलय होने के बाद अब शेयर बाजार के सदस्यों को जिंस वायदा बाजार में प्रवेश के लिए अलग से अनुषंगी बनाने की जरूरत नहीं है। चौहान ने कहा कि जब यह विलय प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी, उनके सदस्य जिंसों में भी कारोबार कर सकेंगे। पहले जिंस क्षेत्र में कारोबार करने के लिए जिंस बाजार का सदस्य बनना पड़ता था और उसके लिए एक अलग अनुषंगी बनानी होती थी। अब अनुमति मिलने के बाद बीएसई के सदस्यों को जिंस बाजार में काम करने की अनुमति मिल जाएगी।
अभी देश में दो प्रमुख और छह क्षेत्रीय जिंस वायदा बाजार काम कर रहे हैं। बीएसई की स्थापना के 140 वर्ष पूरे होने के मौके चौहान ने कहा कि बंबई शेयर बाजार अपने आप को एक ऐसे बाजार के तौर पर स्थापित करना चाहता है, जिसमें किसी भी तरह की परिसंपत्ति में सौदे किए जा सकें। वह केवल इक्विटी सौदों का प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने तक ही सीमित नहीं रहना चाहता है। उन्होंने आगे कहा कि बीएसई को गुजरात की गिफ्ट सिटी में एक अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज स्थापित करने की उसके बोर्ड से मंजूरी मिल गई है।
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