नई दिल्ली। ब्रिटेन के सांसदों ने हफ्तों तक चली बहस के बाद आखिरकार महत्वपूर्ण ब्रेक्जिट विधेयक को हरी झंडी दिखा दी लेकिन अभी इस विधेयक को ऊपरी सदन से मंजूरी मिलनी बाकी है। हाउस ऑफ कॉमन्स ने ईयू (वापसी) विधेयक को 29 वोट दे कर इस पर मंजूरी की मुहर लगा दी। यह विधेयक 1972 के उस कानून को निरस्त करता है जिसने ब्रिटेन को यूरोपीय संघ का सदस्य बनाया था ब्रेक्जिट सचिव डेविड डेविस ने वोटिंग से पहले सांसदों से कहा, ‘‘यह विधेयक देश को यूरोपीय संघ से बाहर निकालने के लिए तैयार करने के वास्ते अहम है।’’
अभी इस विधेयक को हाउस ऑफ लार्ड्स में पेश किया जाना है जहां इसके व्यापक बदलाव की मांग उठ सकती है। 30 जनवरी से इसकी जांच शुरू होगी। इस बीच ब्रेक्जिट जनमत संग्रह में रूस के संभावित दखल की जांच कर रहे ब्रिटिश सांसदों ने खुलासा किया है कि फेसबुक अपनी जांच का दायरा बढ़ाने के लिए सहमत हो गया है।
हाउस ऑफ कॉमन्स डिजिटल, कल्चर, मीडिया एंड स्पोर्ट कमेटी ने कहा कि सिमॉन मिल्नर ने वादा किया है कि कंपनी ‘‘ब्रेक्जिट रिफरेंडम के वक्त समन्वित गतिविधियों में शामिल समूहों की’’ तलाश करेगी। मिल्नर ब्रिटेन में फेसबुक के नीति निर्देशक हैं। मिल्नर ने कहा कि सुरक्षा विशेषज्ञ अपनी जांच तेजी से शुरू करेंगे लेकिन इसके परिणाम आने में कई हफ्तों का वक्त लग सकता है।
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