लंदन। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में ब्रेग्जिट विधेयक पर दूसरी बार हार का सामना करना पड़ा है। सदन में इस मांग के पक्ष में 366 मत पड़े कि यूरोपीय संघ से अलग होने की अंतिम शर्तों के लिए एक अर्थपूर्ण संसदीय मतदान कराया जाए। वहीं इसके विरोध में 268 वोट पड़े।
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- कल तीन घंटे की बहस के बाद सदन ने विधेयक में संशोधन कर दिया।
- यह विधेयक थेरेसा को ब्रिटेन के यूरोपीय संघ छोड़ने के इरादे को अधिसूचित करने का अधिकार देता है और ब्रेग्जिट की आधिकारिक वार्ताएं शुरू करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
- मंत्रियों ने कहा कि यह निराशाजनक है और जब विधेयक हाउस ऑफ कॉमन्स में वापस आएगा तो हम इसे पलटने की कोशिश करेंगे।
- एक मार्च को थेरेसा को ब्रेग्जिट के मुद्दे पर अपनी पहली हार का सामना करना पड़ा था।
- तब हाउस ऑफ लॉड्र्स ने एक संशोधन के पक्ष में मतदान किया था।
- यह संशोधन ब्रिटेन द्वारा यूरोपीय संघ को छोड़े जाने के बाद संघ के नागरिकों को ब्रिटेन में अधिकार देने की गारंटी देने के लिए था।
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- हालिया हार ने थेरेसा की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
- इससे पहले वह आश्वस्त थीं कि विधेयक समय पर पारित हो जाएगा और मार्च के अंत तक दो वर्षीय निकासी प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।
- संसदीय वेबसाइट के अनुसार, हाउस ऑफ लॉर्ड्स में मतदान वर्ष 1831 के बाद उच्चतम रहा।
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