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ब्रिटेन ने चीन की Huawei पर लगाया प्रतिबंध, 2027 तक हटायी जाएंगी सभी 5जी किट

जनवरी 2021 के बाद ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क में कोई भी नयी 5जी किट नहीं जोड़ी जाएगी

<p><span lang="EN-US" style="font-size: 11.0pt;...- India TV Paisa Image Source : FILE Britain bans china’s huawei

नई दिल्ली। ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क से चीन की Huawei को 2027 के अंत तक पूरी तरह हटा दिया जाएगा। ब्रिटेन के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र (एनसीएससी) के हुवावेई पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के असर की समीक्षा के बाद सरकार ने मंगलवार को यह घोषणा की। इससे पहले चीन की इस कंपनी को ब्रिटेन ने अपने 5जी नेटवर्क विस्तार में सीमित तौर पर काम करने की अनुमति दी थी। प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन की अध्यक्षता में हुई एनसीएससी की बैठक में Huawei पर मई में लगाए गए नए अमेरिकी प्रतिबंधों की समीक्षा के बाद यह निर्णय किया गया। इन नए प्रतिबंध से चीनी कंपनी अमेरिकी सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी पर आधारित उत्पादों को प्राप्त नहीं कर सकती है। ब्रिटेन के इस प्रतिबंध के बाद उसके नेटवर्क से Huawei का सामान पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। वहीं 31 दिसंबर 2020 के बाद किसी भी नए 5जी किट को खरीदने पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। ब्रिटेन के डिजिटल, सांस्कृतिक, मीडिया और खेल सचिव ओलिवर डाउडेन ने कहा कि 5जी हमारे देश के लिए बदलने वाली प्रौद्योगिकी होगी। लेकिन यह तभी संभव होगा जब हमें उसके लिए खड़े किए गए बुनियादी ढांचे पर पूरा भरोसा और हम उसकी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हों। उन्होंने कहा कि हुवावेई पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद हमारे साइबर विशेषज्ञों की सलाह पर सरकार ने हुवावेई को हमारे 5जी नेटवर्क के लिए प्रतिबंधित करने का निर्णय किया है।

 

जनवरी 2021 के बाद ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क में कोई भी नयी 5जी किट नहीं जोड़ी जाएगी। वहीं 2027 तक देश का 5जी नेटवर्क हुवावेई से मुक्त होगा। डाउडेन ने कहा कि अगले आम चुनाव (2024) तक सरकार इस प्रतिबंध को कानून का रूप दे देगी ताकि हमारे 5जी नेटवर्क से Huawei को पूरी तरह हटाने का रास्ता साफ हो सके। Huawei पर ब्रिटेन के इस प्रतिबंध को अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार की एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। ब्रिटेन के इस फैसले पर निराशा जताते हुए Huawei ने बीजिंग में जारी एक बयान में कहा कि यह ब्रिटेन में मोबाइल फोन रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक बुरी खबर है। यह एक निराशाजनक फैसला है। यह ब्रिटेन को धीमी डिजिटल राह पर धकेलने, डिजिटल डिवाइड को बढ़ाने और महंगे बिलों की तरफ ले जाने वाला फैसला है।

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