ब्रिक्स नीति नियोजन पर बातचीत सफलतापूर्वक संपन्न
ब्रिक्स नीति नियोजन वार्ता सदस्य देशों के बीच अंतराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिति के रणनीतिक आकलन पर उपयोगी आदान-प्रदान के साथ आज सफलतापूर्वक संपन्न हो गई।
पटना। पटना में आयोजित ब्रिक्स नीति नियोजन वार्ता सदस्य देशों के बीच अंतराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिति के रणनीतिक आकलन पर उपयोगी आदान-प्रदान के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार प्रतिनिधिमंडल के बीच अंतराष्ट्रीय राजकाज संचालन में ब्रिक्स की भूमिका, ब्रिक्स फोरम में चल रहे सहयोग और ब्रिक्स देशों के बीच मेल मिलाप वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया और विचार विमर्श किया गया। विज्ञप्ति में कहा गया है इस बातचीत में विदेश नीति नियोजन के बेहतर अनुभवों और ब्रिक्स देशों के बीच मुद्दों के आकलन का एक अवसर प्रदान किया।
विदेश मंत्रालय ने यहां ब्रिक्स नीति नियोजन वार्ता का आयोजन किया। एक दिन के इस सम्मेलन में प्रतिनिधि देशों ब्राजील, भारत, चीन, रूस और दक्षिण अफ्रीका ने मिलकर आपसी हितों के और कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। ब्रिक्स जो कि विश्व की पांच प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का समूह है तथा विश्व की कुल आबादी का 43 फीसदी आबादी वाला क्षेत्र इसमें है, के बीच गुणवत्ता और विचार-विमर्श की गुंजाइश उनके महत्व की पुष्टि करता है। बिहार की राजधानी पटना में आयोजित यह चर्चा भारत के ब्रिक्स 2016 के अध्यक्ष होने के नाते ब्रिक्स के 5 बिंदुओं पर सहयोग संगठित करने के उसके उद्देश्य में योगदान करेगा।
ब्रिक्स के अध्यक्ष के रूप में भारत की कोशिश होगी कि वह पांच स्तरीय पहल को अपनाते हुये ब्रिक्स देशों के बीच आंतरिक सहयोग को बढ़ावा दे। ब्रिक्स की इन पांच पहलों में संस्थागत निर्माण को और मजबूत करना तथा ब्रिक्स सहयोग को बनाए रखना, पूर्व में ब्रिक्स के सम्मेलन के दौरान किए गए फैसलों तथा प्रधानमंत्री के फोर्टलेजा एवं उफा सम्मेलन के दौरान की गई उदघोषणाओं का अनुपालन करना, मौजूदा व्यवस्था में समेकित सहक्रियता बनाए रखना, इन्वोवेशन यथा नए सहयोग व्यवस्था तथा निरंतरता यथा ब्रिक्स के मौजूदा सहयोगात्मक प्रक्रियाओं को अविरल बनाए रखना।
ब्रिक्स 2016 का अध्यक्ष होने के नाते भारत यह बातचीत वर्ष 2015 में रूस की अध्यक्षता में शुरू की गई चर्चा की अगली कड़ी है जिसके लिए इस साल का विषय वस्तु उत्तरदायित्वता का निर्माण, सम्मिलित तथा सामूहिक निराकरण है। इसके तहत मंत्रालयी, वरिष्ठ अधिकारियों, कामकाजी समूह, तकनीकी स्तर आदि विभिन्न प्रकार की 95 बैठकें भारत की अध्यक्षता में होनी है ताकि पूरे भारत में ब्रिक्स की छाप हो तथा आम जनता में ब्रिक्स के प्रति जागरुकता बढ़ाई जा सके।
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