नई दिल्ली। उद्योग संगठन नास्कॉम ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में अगर डीजल टैक्सियों पर बैन बना रहा तो देश के बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट (BPM पूर्व में BPO) क्षेत्र को एक अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। नास्कॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगीता गुप्ता ने कहा, डीजल कैब पर बैन अगले 2-3 सप्ताह तक जारी रहा तो BPO क्षेत्र को एक अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। संगठन इस मामले में अगले एक-दो दिन में उच्चतम न्यायालय जाने की योजना बना रहा है।
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नास्कॉम के प्रतिनिधि इस संदर्भ में दिल्ली पुलिस तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय समेत विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों से मुलाकात कर चुका है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में डीजल कैब पर प्रतिबंध के मद्देनजर विश्वसनीय परिवहन विकल्पों की कमी के संदर्भ में उद्योग के समक्ष मसले पर चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में डीजल वाहनों के सीएनजी में तब्दील किए जाने की 30 अप्रैल की समयसीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया। नास्कॉम का कहना है कि डीजल टैक्सी पर प्रतिबंध से बीपीएम (पूर्व में बीपीओ) उद्योग थम सा गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बीपीएम उद्योग प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है।
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