नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से संबंधित भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने अर्जित अवकाश की सीमा श्रम संहिता के नए नियमों में प्रस्तावित 240 दिनों से बढ़ाकर 300 दिन करने की मांग की है। श्रमिक संगठन ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की परामर्श बैठक के दौरान इस मांग को रखा। यह परामर्श बैठक दो श्रम संहिताओं-सामाजिक सुरक्षा संहिता और पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कामकाज की स्थिति (अेएसएच)-के मसौदा नियमों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी।
ओएसएच संहिता के मसौदा नियम में सामान्य तौर पर अर्जित अवकाश की सीमा 240 दिन, पत्रकारों के लिए 90 दिन और बिक्री प्रतिनिधियों के लिए 120 दिन की सीमा का प्रस्ताव किया गया है। बीएमएस ने एक बयान में कहा कि यह उन लोगों के लिए बड़ा नुकसान है, जिन्होंने अवकाश के अधिकार को छोड़ा और नियोक्ताओं के लिए काम किया। श्रमिक संगठन ने बयान में कहा कि बीएमएस ने मांग की है कि सरकार श्रम संहिता नियमों के तहत अर्जित अवकाश प्रस्तावित 240 दिन से बढ़ाकर 300 दिन करे। बीएमएस ने मसौदा नियम में कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों को छोड़े जाने पर भी आपत्ति जताई है।
संगठन ने मांग की है कि भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों, बीड़ी श्रमिकों, पत्रकारों और श्रव्य दृश्य श्रमिकों और सिनेमा क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के लिए अलग नियम बनाए जाएं। बीएमएस ने कर्मचारी राज्य बीमा योजना के समरूप ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) योजना के तहत पात्रता मानदंड 15,000 रुपये मासिक वेतन से बढ़ाकर 21,000 रुपये किए जाने की भी मांग की। बैठक में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस और ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशनल सेंटर के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने की।
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