नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक समर्थित भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों को उदार बनाये जाने के सरकार के निर्णय का विरोध किया और संबद्ध पक्षों के साथ इस पर चर्चा की मांग की। सरकार ने नागर विमानन, एकल खुदरा ब्रांड, रक्षा तथा औषधि क्षेत्र समेत विभिन्न क्षेत्रों में स्वत: मार्ग से और निवेश की अनुमति देकर एफडीआई नियमों को उदार बनाया है।
BMS के महासचिव ब्रजेश उपाध्याय ने एक बयान में कहा, रक्षा और नागर विमानन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को खोलना उचित नहीं है। बीएमएस सरकार से सभी संबद्ध पक्षों की बैठक बुलाकर एफडीआई मुद्दे पर चर्चा की मांग करता है।
भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि देश में एफडीआई को गति देने के लिये कई प्रयासों के बावजूद न तो निवेश प्रवाह और न ही रोजगार बढ़ा है। यूनियन ने कहा कि औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के लिये एफडीआई एकमात्र रास्ता नहीं है।
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दुनिया में सबसे ओपन भारत की इकोनॉमी
नकारात्मक सूची को छोड़कर ज्यादातर क्षेत्र में एफडीआई स्वत: मंजूर मार्ग के तहत की जा सकती है। इन बदलावों के बाद अब भारत एफडीआई के मामले में भारत दुनिया में सबसे खुली अर्थव्यवस्था होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई बैठक में एफडीआई व्यवस्था को और उदार करने का फैसला किया गया। इसका मकसद देश में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन देना है। यह एफडीआई क्षेत्र में दूसरा प्रमुख सुधार है। इससे पहले केंद्र ने पिछले साल नवंबर में विदेशी निवेश व्यवस्था में उल्लेखनीय रूप से ढील दी थी।
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