नई दिल्ली। एक बारगी कालाधन अनुपालन सुविधा को सफल बनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। आयकर विभाग ने इस योजना के प्रचार प्रसार हेतु अपने अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में 50 गुना तक वृद्धि कर दी है। अब तक कर विभाग के क्षेत्रीय प्रमुख विज्ञापन व प्रचार मद में सालभर में एक लाख रुपए तक खर्च कर सकते थे। लेकिन मौजूदा चार माह चलने वाली घरेलू कालाधन अनुपालन सुविधा के तहत आय घोषणा योजना (IDS) तथा महत्वाकांक्षी विवाद निपटान योजना (DRT) के लिए व्यापक मीडिया अभियान को ध्यान में रखते हुए इसमें वृद्धि की गई है।
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ताजा दिशा निर्देशों के अनुसार मंडलीय प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (PCCIT) अब इस मद में एक लाख रुपए के बजाय 50 लाख रुपए तक खर्च कर सकते हैं। वहीं CCIT व PCIT श्रेणी के अधिकारियों के लिए यह सीमा बढ़ाकर क्रमश: 30 लाख रुपए व 20 लाख रुपए की गई है, ताकि इन दोनों योजनाओं के लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जा सके। IDC योजना जून से सितंबर तक है जिसमें घरेलू अघोषित संपत्ति का खुलासा किया जा सकता है। वहीं DRS के तहत 31 दिसंबर तक करदाताओं व कर अधिकारियों के बीच विवादों की संख्या को कम किया जाना है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने हाल ही में आयकर विभाग को एक जून से शुरू हुई एकबारगी काला धन अनुपालन सुविधा के लिए व्यापक प्रचार प्रसार का आदेश दिया था। विभाग से इस योजना का आलीशान बाजारों, क्लबों और शो-रूम में प्रचार करने को कहा गया। साथ ही विभाग से योजना के तहत कालेधन की घोषणा करने वालों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखने को भी कहा गया है। आयकर विभाग के अधिकारियों के अवकाश का भी नियमन करने के आदेश दिए गए हैं। अगले तीन माह के दौरान अधिकारियों से ज्यादा से ज्यादा समय इस योजना की सफलता को देने के लिए कहा गया है।
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