नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने सोमवार को कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली करारी हार का देश की अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, एजेंसी ने कहा है कि इससे केंद्र सरकार के लिए राजनीतिक चुनौतियां जरूर बढ़ सकती हैं।
फिच ने कहा है कि भाजपा की हार से भारत का आर्थिक मध्यम अवधि परिदृश्य पर कोई बदलाव नहीं आएगा। फिच के एशिया प्रशांत क्षेत्र में सरकारों की रेटिंग का काम देखने वाले डायरेक्टर थॉमस रुकमाकर ने कहा कि इस हार से केंद्र सरकार के लिए राजनीति पेंचीदा हो सकती है और हमें नहीं लगता कि इससे इकोनॉमी पर कोई बड़ा असर पड़ेगा।
विदेशी निवेशकों पर नहीं पड़ेगा असर
फिच ने कहा है कि इन नतीजों का विदेशी निवेशकों के निर्णय पर असर पड़ने के आसार नहीं हैं। इसके अलावा भाजपा बिहार में बड़े अंतर से जीत भी जाती तो राज्य सभा के राजनीतिक समीकरण पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ने वाला था। राजग को राज्य सभा में बहुमत का समर्थन नहीं है इसलिए कई महत्वपूर्ण आर्थिक विधेयक वहां अटके हुए हैं। इनमें जीएसटी तथा भूमि विधेयक शामिल हैं, जो आर्थिक सुधार के लिए बहुत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। रुकमाकर ने कहा कि केंद्र सरकार तदर्थ राजनीतिक सौदों के माध्यम से विधयकों को पारित कराने का प्रयास जारी रखेगी और यदि ऐसा करना संभव नहीं हुआ तो वह राज्य स्तर पर उन्हें लागू करने का काम जारी रखेगी।
इससे पहले सोमवार को ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बिहार के चुनावी नतीजे का आर्थिक सुधार प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि इसमें अर्थव्यवस्था के लिए कोई नुकसान है। बुनियादी सुधार जारी रहेंगे। इन्हें तेजी से लागू किया जाना चाहिए। रविवार को घोषित 243 सदस्यीय बिहार विधान सभा के चुनावी नतीजों में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को 58 (भाजपा 53) और नितीश-लालू के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 178 सीटें मिली हैं1
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